बलदिया की जायदादों पर किताबचा की इशाअत

राजू म्यूनसिंपल कमिशनर काग़ज़ नगर ने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि महिकमा बलदिया की मिल्कियत में जो जायदादें शामिल हैं आमदनी-ओ-ख़र्च और बेंक डिपाज़िट की तफ़सील का एक किताबचा शाय किया गया है।

क़ानून हक़ मालूमात के तहत बलदिया के जुमला उमूर् का इन्किशाफ़ किया जा सकता है। महिकमा बलदिया के दीगर उमूर् की तफ़सीलात और क़ानूनी और गै़रक़ानूनी अराज़ी की तफ़सीलात भी इस किताबचा में मौजूद हैं।

इस किताबचा की अशाअत का मक़सद अराज़ी पर गै़रक़ानूनी क़ब्ज़ों का तदारुक है। अगर किसी शहरी को इस किताबचा के ताल्लुक़ से एतराज़ात हों तो इस ज़िमन में उनके इल्म में लाया जा सकता है और अपनी ग़लत फ़हमियों को दूर किया जा सकता है।