एक सेशन्स कोर्ट ने आज हुक्म दिया कि सज़ाए मौत के मुजरिम बलवंत सिंह रजोअना को जिसे साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर बलवंत सिंह के क़त्ल में इसके रोल का मुजरिम पाया गया, तए शूदा प्रोग्राम पर 31 मार्च को फांसी पर लटका दिया जाए जबकि पंजाब हुकूमत ने कहा कि वो इस हुक्मनामा को चैलेंज करेगी।
फांसी का अलतवा चाहते हुए पटियाला सेंटर्ल जेल सुप्रीटेंडेंट एल आर जाखड़ कैपिटेशन को ख़ारिज करते हुए यहां अदालत ने फांसी का वारंट तामील के लिए वापस भी कर दिया। खचाखच भरे कमरा-ए-अदालत में एडीशनल डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशन्स जज शालीनी सिंह नागपाल ने कहाफांसी का हुक्मनामा तामील के लिए वापस किया जाता है।
जज ने इस कार्रवाई के दौरान जो बमुश्किल तीन मिनट चली, कहा कि सज़ाए मौत के वारंट पर क़ब्लअज़ीं दी गई हिदायत के मुताबिक़ अमल होना चाहीए। जज ने जेल सुप्रीटेंडेंट को तहक़ीर अदालत के लिए वजह बताओ नोटिस भी जारी कर दी। अकाली दल की क़ियादत ने बब्बर ख़ालसा इंटरनैशनल के इस अस्करीयत पसंद की दरख़ास्त रहम पेश की थी लेकिन एडीशनल डिस्ट्रिक्ट सेशन जज शालीनी सिंह नागपाल ने इस दरख़ास्त को वापस कर दिया ।
ख़ुद राजवाना ने भी अकाली क़ियादत से अपील की थी कि इस को तख़्तादार से बचाने केलिए रहम की दरख़ास्त ना की जाए। रजोअना ने ये दावा भी किया था कि अकाली क़ियादत इस मसला पर सिखों की हिमायत से महरूमी के ख़ौफ़ से दरख़ास्त रहम दाख़िल कर रही थी । राजवा ना ने उसे दी गई सज़ाए मौत के हुक्म के ख़िलाफ़ ना अदालत में चैलेंज किया और ना ही दरख़ास्त रहम दी है। रजोअना(Rajoana) को 31मार्च को फांसी पर लटकाए जाने के अंदेशों के तहत मुख़्तलिफ़ सुख तंज़ीमों ने कल 28 मार्च को पंजाब बंद मनाने का ऐलान किया है ।