नई दिल्ली, 05 जनवरी: बलात्कारियों को फांसी दिए जाने के हक में राय नहीं बन सकी है। मरकज़ समेत ज्यादातर रीयासतो ने बलात्कारियों के लिए फांसी के बजाय कानून के अमल को और सख्त कर उम्रकैद की सजा तय करने की मंशा जाहिर की है।
इन रीयासतों का मानना है कि बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा कानूनी लिहाज से नामुम्किन है। मरकज़ ने भी अपनी ओर से फांसी की सजा के सुझाव रियासतों के पुलिस जनरल डायरेक्टर्स को इजलास में नहीं रखा। हालांकि कई रीयासतों ने मरकज़ से नाबालिग माने जाने की उम्र 18 से घटाकर 16 साल करने की पुरजोर वकालत की।
दिल्ली में लड़की के साथ दरिंदगी में गिरफ्तार नाबालिग लड़के की उजागर घिनौनी करतूतों के बाद उम्र की सीमा कम करने पर नई बहस शुरू हो गई है। इस वाकिया पर पूरे मुल्क में जारी उबाल के मद्देनजर जुमा को खवातीनों की तहफ्फुज़ के साथ एस सी और एसटी के लोगों की तहफ्फुज़ात पर रीयासतो के चीफ सेकरेट्रीज व पुलिस जनरल डायरेक्टर्स ( DG) की एक रोजा बैठक के दौरान नाबालिग की उम्र सीमा घटाने पर राय सामने आई।
बैठक में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत करीब दर्जन भर रीयासतो ने नाबालिग की उम्र सीमा घटाकर 16 साल करने की पुख्ता सिफारिश की। हालांकि इस मामले में मरकज़ और रीयासतो के बीच आम सहमति नहीं बन पाई।
इजलास खत्म होने के बाद वज़ीर ए दाखिला सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि ज्यादातर रियासतों ने बलात्कारियों के लिए इंसाफ के अमल सख्त कर उम्रकैद की सजा देने पर सहमति जाहिर की है। मरकज़ ने भी अपनी तरफ से फांसी की सजा के लिए कोई सिफारिश नहीं की है।
हुकूमत की दलील है कि कानून की बारीकियों की वजह से फांसी की सजा के शराइत के बाद सजा की कार्रवाई बहुत धीमी हो जाएगी। शिंदे के मुताबिक इस इजलास में खवातीनो की तहफ्फुजात के लिहाज से कई सिफारिशें आई हैं। मरकज़ इन पर गौर करने के बाद आखिरी फैसला लेगा। कानून में फेरबदल पर फैसला जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफारिशों के बाद ही लिया जाएगा।
पूरे मुल्क में पुलिस को खवातीनो के साथ बच्चों और एससी/एसटी तबका की सेक्युरिटी की खास जिम्मेदारी दिए जाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए थानों में खातून पुलिस की बढ़ोतरी और गश्त को पुख्ता करने जैसे तरीको के साथ इंसाफ के अमल को तेज करने की जरूरत पर आम सहमति बनी।
इसके तहत एविडेंस एक्ट और गवाहों को परेशान नहीं किए जाने क़वानीन में बदलाव पर भी बहस की गई।
साथ ही मरकज़ ने रीयासतों से कहा है कि वह छोटे से छोटे शहरों और कस्बों में पुलिस की चेहरे को बदलने की कवायद शुरू करें ताकि कोई भी आम शहरी पुलिस थाने में बेहिचक अपनी रिपोर्ट लिखा सके। इसके साथ ही थाने पर खवातीनो और एससी/एसटी के तरफ से शरमायादार नजरिए में बदलाव लाने की कोशिशें भी तेज की जाएं।
इजलास में मरकज़ और रियासतो के सभी सरकारी मेकानिज्म के साथ मिलकर ऐसे तरीका निकालने पर सहमति बनी कि मुतास्सिर पार्टी को इंसाफ मिलने में ज्यादा वक्त नहीं लगे।