बलूचिस्‍तान में भारत के दखल पर चीन की धमकी

चीन ने बलूचिस्‍तान में भारत के दखल पर चेतावनी दी है। थिंक टैंक ने कहा है कि अगर कोई भारतीय ‘साजिश’ 46 बलूचिस्‍तान में 46 बिलियन डॉलर वाले चीन-पाकिस्‍तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) को बाधित करना है तो चीन को ‘दखल देनी ही पड़ेगी।’ अपने स्‍वतंत्रता दिवस भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बलूचिस्‍तान का जिक्र चीन और उसके विद्वानों के लिए ‘ताजा चिंता’ का मामला है।
चीन इंस्‍टीट्यूट ऑफ कंटेपरेरी इंटरनेशनल रिलेशंस (CICIR) में इंस्‍टीट्यूट ऑफ साउथ एंड साउथईस्‍ट एशियन एंड ओशनियन स्‍टडीज के डायरेक्‍टर हू शिशेंग ने न्‍यूज एजेंसी आईएएनएस को दिए इंटरव्‍यू में यह चेतावनी दी है। हू ने कहा, ”चीन के लिए चिंता का हालिया सबब लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण है जिसमें उन्‍होंने कश्‍मीर (पाकिस्‍तान के कब्‍जे) और बलूचिस्‍तान जैसे मुद्दों का जिक्र किया। इसे पाकिस्‍तान के प्रति भारत की नीति का एतिहासिक क्षण कहा जा सकता है। चीनी विद्वान इसलिए चिंतित हैं क्‍योंकि ऐसा पहली बार है जब भारत ने इनका जिक्र किया है।”

हू ने कहा कि “चीन को डर है कि भारत पाकिस्‍तान के बलूचिस्‍तान में ‘सरकार विरोधी’ तत्‍वों का इस्‍तेमाल कर सकता है।” उन्‍होंने बलूचिस्‍तान, गिलगित-बाल्टिस्‍तान और पाक अधिकृत कश्‍मीर में अलगाववादियों का साथ देने के कथित आरोप के संदर्भ में कहा, ”अगर ऐसा कुछ होता है और CPEC को नुकसान पहुंचता है तो चीन को दखल देनी ही पड़ेगी।” CPEC के जरिए चीन का सबसे बड़ा राज्‍य, जिनजियांग बलूचिस्‍तान में ग्‍वादर बंदरगाह से जुड़ जाएगा। यह इलाका विद्रोहियों और अलगाववादियों के प्रभाव में है। भारत ने इस कॉरिडोर का विरोध किया है क्‍योंकि यह गिलगित-बाल्टिस्‍तान और पाक अधिकृत कश्‍मीर से होकर गुजरता है, जिस पर भारत अपना दावा करता है।