नई दिल्ली : पाकिस्तान में वॉन्टेड बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती को शरण देने की खबरों को भारत सरकार ने खारिज कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया में रिपोर्ट चल रही थी कि बुगती ने इंडियन पासपोर्ट के लिए आवेदन किया है। इसके बाद बुगती को भारत में शरण देने की अटकलों को हवा मिली थी। सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा, फिलहाल हम ऐसा कुछ भी नहीं करने जा रहे हैं। बुगती अभी स्विट्जरलैंड में रह रहे हैं। उन्होंने वहीं से कहा कि मैंने भारत सरकार से शरण के लिए कोई औपचारिक अनुरोध नहीं किया है। हालांकि बुगती ने संकेत किया कि वह भारत आने की तमन्ना रखते हैं। बुगती ने कहा, मैं फिलहाल यहां हूं, लेकिन यात्रा के दौरान मुझे समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यदि मुझे भारत आने का मौका मिलता है तो मैं जरूर आऊंगा। बुगती ने कहा, बलूचिस्तान और अफगानिस्तान में हमारे लोग बहुत मुश्किल हालात में रह रहे हैं। बहुत कम लोग हैं जो यूरोप आने में समर्थ हैं। उनके पास बहुत विकल्प नहीं हैं, ऐसे में हम लोग चाहते हैं कि भारत सरकार हमारे लिए दरवाजा खोले। भारत तक मेरी और हमारे लोगों की पहुंच होनी चाहिए। बुगती ने कहा कि 19 सितंबर को एक आंतरिक बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने बुगती और अन्य निर्वासित बलूच नेताओं के खिलाफ रेड कॉर्नर इंटरपोल नोटिस जारी किया है। पाकिस्तान चाहता है कि यूरोपीय देशों में रहकर बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले नेता उसके कब्जे में आ जाएं। पाकिस्तान को लगता है बलूच नेताओं की इन गतिविधियों का असर 46 बिलियन डॉलर के चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर पर पड़ेगा। समस्या यह है कि यह कॉरिडोर पाकिस्तान के ज्यादातर अशांत इलाकों से होकर गुजर रहा है।