बशर अल असद रुपोश , हलब में घमासान लड़ाई जारी

शाम ( Syria) के तिजारती दार-उल-हकूमत हलब में एक तरफ़ जहां बुरी और फ़िज़ाई अफ़्वाज के हमले जारी है वहीं सदर बशर अल असद की रूपोशी ने हालात की तबदीली पर नज़र रखने वालों को सख़्त मख़मसे ( में डाल दिया है। बशर अल असद ने गुज़शता 18 जुलाई के बाद से किसी भी अवामी मुक़ाम से कोई पैग़ाम जारी नहीं किया।

वाज़िह रहे कि 18 जुलाई को दमिश्क़ में एक फ़िदाई बम हमले में असद की बहन के शौहर समेत चार इंतिहाई आला सरकारी ओहदेदार हलाक हो गए थे। इस रोज़ से शामी सदर ( राष्ट्रपति) ने अपने आप को अवामी मुक़ामात से दूर रखा है। अमेरीकी वज़ारत-ए-ख़ारजा के एक तर्जुमान पैट्रिक वेंट्रल ने उसे एक बुज़दिलाना हरकत क़रार दिया है।

दूसरी जानिब शामी फ़ौज के क़ियाम की 67 वीं सालगिरा पर शामी सदर बशर अल असद का पैग़ाम भी जारी किया गया है। इस में असद का कहना है कि इन की फ़ौज को आज कसीर इलजाती दुश्मन का सामना है और ये जंग इस मुल्क और अवाम के मुस्तक़बिल ( भविष्य) का ताय्युन करेगी।

ऐसा ही ब्यान नए वज़ीर-ए-दिफ़ा ( रक्षा मंत्री) जनरल फ़हद जासम अल फ़रीज की जानिब से भी सामने आया है।शाम के सरकारी टेलीवीज़न पर हलब में सरकारी फ़ौज की कामयाबीयों के मुख़्तलिफ़ ऐलानात किए गए हैं। खासतौर पर इस शहर के सलाह उद्दीन ज़िला में होने वाली शदीद लड़ाई में दर्जनों बाग़ीयों को हलाक करने का दावा भी शामिल है।

अक़वाम-ए-मुत्तहिदा ( UN) के शाम ( Syria) के लिए क़ायम मुबस्सिर ( पारखी) मिशन की ख़ातून तर्जुमान सोसन जी ने बताया है कि बेन अक़वामी मुबस्सिरीन ने शामी फ़िज़ाईया के जंगी तैय्यारों को हलब के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर फायरिंग में मसरूफ़ देखा है ।

शाम का सबसे ग़नजान शहर हलब पिछले 14 दिनों से शोरिश, अफ़रा तफ़री और जंग की कैफ़ीयत ( हालात) में मुबतला है। सूरत-ए-हाल इंतिहाई परेशानकुन है।