सदर बशारुल असद की जगह लेने के लिए उबूरी हुकूमत के क़ियाम के कलीदी मसअले ने शामी अमन मुज़ाकरात में कोई भी पेशरफ़्त को रोके रखा है, जिसे एक मंदूब ने बहरों की बात-चीत क़रार दिया है।
अक़वामे मुत्तहिदा के आला सालिसि ने दोनों फ़रीक़ों की तरफ़ से बरसरे आम इश्तिआल अंगेज़ रिमार्क्स पर मायूसी ज़ाहिर की जबकि वो मुज़ाकरात की मेज़ पर कुछ ना कुछ पेशरफ़्त के हुसूल की उम्मीदों में बाअज़ कम मुतनाज़ा मसाइल की शनाख़्त करने कोशां हैं।
दोनों फ़रीक़ों के दरमयान ख़लीज सुबह के कशीदा सेशन में भरपूर दिखाई दी, जिस में अपोज़ीशन और शामी हुकूमत के मंदूबीन में असद के मुस्तक़बिल के सवाल पर टकराव हुआ।