शाम में जंगी जराइम के ख़ुदमुख़्तार अक़वामे मुत्तहिदा कमीशन ने कहा कि इस्लामी रियासत के इंतेहापसंद ग्रुप के कमांडर्स को अगर मुबैयना तौर पर ग़द्दारों की खु़फ़ीया फ़ेहरिस्त में शामिल करना हो तो वो अच्छे उम्मीदवार साबित हो सकते हैं।
ब्राज़ील के सिफ़ारत कार और दानिश्वर पालो सर्गेइ ने कहा कि अलक़ायदा से अलाहिदा होने वाला ग्रुप जो अब शुमाली और मशरिक़ी शाम पर अपना कंट्रोल रखता है, अब सरे आम सज़ाए मौत देने, मस्लूब करने और दीगर इंसानी हुक़ूक़ की पामाली में मुलव्विस हैं।
मज़कूरा कमीशन को अक़वामे मुत्तहिदा की इंसानी हुक़ूक़ कौंसिल ने मुक़र्रर किया है, जिस ने दावा किया है कि सदर बशारुल असद की मुख़ालिफ़त करने वाले ग्रुप्स में 10,000 ता 15000 बैरूनी अफ़राद मुख़्तलिफ़ ग्रुप्स में शामिल होकर लड़ाई का हिस्सा बन चुके हैं।
कमीशन के अरकान ने सेक्यूरिटी कौंसिल से अपील की है कि शाम में जारी जंग को बैनुल अक़वामी फ़ौजदारी अदालत (ICC) से रुजू किया जाए लेकिन शामी हुकूमत की ताईद करने वाले ममालिक रूस और चीन ने इस अपील को वीटो कर दिया।