सदर शाम बशार अल असद ने अपने मुल्क पर मंडलाते हुए जंग के बादलों के दरमियान अपनी 48 वीं सालगिरा मनाई।
कीमीयाई हथियारों के मुबय्यना इस्तिमाल के जवाब में शाम की हुकूमत के ख़िलाफ़ अमरीकी ज़ेर-ए-क़ियादत जंग के ख़तरात के साथ बशार अल असद ने अपने हामियों के दरमियान सालगिरा तक़रीब मनाई। उन्होंने मुवाफ़िक़ हुकूमत अवाम से कहा कि वो इस सालगिरा की ख़ुशी में हिमायती मुज़ाहिरे करें।
ज़िला माज़े में उनके हामियों ने बहुत बड़े तवील कारों के क़ाफ़िले निकाले। बर्तानिया में तालीम हासिल करने वाले माहिर अमराज़-ए-चश्म डाक्टर बशार अल असद के 3 लड़के हैं। उनके वालिद हाफ़िज़ अलासद का साल 2000 में इंतिक़ाल हुआ था। उनके भाई फ़ैसल का हाल ही में एक हादिसा में इंतिक़ाल हुआ है।