बशीर उद्दीन बाबू ख़ान, मिल्लत का हक़ीक़ी दर्द रखते थे। वो जज़बाती सियासत से हमेशा दूर रहे। वो अपने उसूलों पर कारबन्द रहने वाले थे।
ये कहा जाये तो मुबालग़ा नहीं होगा कि उन्होंने वलियों की तरह मिल्लत की बेलौस ख़िदमत की।इन ख़्यालात का इज़हार दानिश्वरान मिल्लत ने आज एक ताज़ियती जलसा से ख़िताब करते हुए किया जो महबूब हुसैन जिगर हाल अहाता सियासत में मुनाक़िद हुआ था जिस की सदारत जनाब ज़ाहिद अली ख़ान एडीटर सियासत ने की।
उन्होंने कहा कि अल्लाह ताआला ने उन्हें मक़बूल बनाया और सलमान बाबू ख़ान की शक्ल में उन्हें अपना एक अच्छा, सच्चा और इमानदार जानशीन अता किया। जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने कहा कि बाबू ख़ान एक सच्चे और इमानदार मुस्लमान की हैसियत से अपनी शनाख़्त बनाई थी।