बशीर बाग़ पर बर्क़ी(बिजली) सरबराही का मुतालिबा करने वाले किसानों पर पुलिस फायरिंग को आज 12 साल मुकम्मल होगए । इस मौक़ा पर बाएं बाज़ू जमातों के क़ाइदीन ने शहीदों की यादगार पर हाज़िरी दी और ख़िराज-ए-अक़ीदत (श्रद्धांजलि) पेश किया । बाएं बाज़ू क़ाइदीन वहां से सुंदरिया विग्नान भवन तक रैली की शक्ल में रवाना हुए जहां बशीर बाग़ पुलिस फायरिंग की याद में जलसा मुनाक़िद किया गया ।
तेलगूदीशम दौर-ए-हकूमत में बर्क़ी(बिजली) क़िल्लत के ख़िलाफ़ कांग्रेस और बाएं बाज़ू जमातों ने चलो असेंबली एहतिजाज मुनज़्ज़म किया था जिस में हज़ारों किसान शरीक थे । एहितजाजियों को बशीर बाग़ पर रोक दिया गया ।
पुलिस ने एहितजाजियों को मुंतशिर करने फायरिंग की और पाँच से ज़ाइद अफ़राद हलाक हुए थे । इस वाक़िया का हुकूमत पर बुरा असर पड़ा और अप्पोज़ीशन जमातों ने हुकूमत के ख़िलाफ़ मुहिम चलाने में इस वाक़िया को इस्तिमाल किया ।
मुबस्सिरीन के मुताबिक़ तेलगूदीशम हुकूमत के ज़वाल में इस वाक़िया ने अहम रोल अदा किया है ।