बसई दारापुर हत्या : गम के बीच साम्प्रदायिक सौहार्द कायम रखने की कोशिश में पीड़ित परिवार

नई दिल्ली : 11 मई को बसई दारापुर में बेटी से छेड़छाड़ के विरोध पर कारोबारी पिता की हत्या कर दी गई थी। दिल्ली-एनसीआर में कुछ लोगों ने सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया। कारोबारी की हत्या के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए 16 मई को दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और यूपी से बड़ी संख्या में लोग बसई दारापुर पहुंचे थे। तब माहौल को खराब करने की कोशिश की गई थी। इस बीच गम में डूबा पीड़ित परिवार समाज में अमन और साम्प्रदायिक सौहार्द कायम रखने की भरपूर कोशिश कर मिसाल पेश कर रहा है। यह परिवार बसई दारापुर में सभी धर्मों के लागों को साथ-मिलकर रहने की नसीहत दे रहा है। मृतक के भतीजे ने लोगों से अपील की है कि दुख की इस घड़ी में उन्हें समाज के लोगों का साथ चाहिए, मगर वे इलाके का माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ हैं।

पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज बोले ‘पीड़ित परिवार ने शांति व्यवस्था बनाने के लिए बहुत मदद की है। जब भी जरूरत होती है तो परिवार पुलिस के साथ रहता है। पुलिस भी परिवार की हर संभव मदद कर रही है। इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।” डेढ़ साल पहले ख्याला में प्रेम-प्रसंग में अंकित की हत्या कर दी गई। तब भी लोगों ने मामला अलग-अलग धर्म से जुड़ा होने के कारण इसे साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास किया था। हालांकि, अंकित के पिता ने असामाजिक तत्वों के मंसूबों को नाकाम कर दिया था। मृतक के भाई का कहना है, इलाके में शराबी युवतियों से बदसलूकी करते हैंं। अगर पुलिस इलाके में गश्त बढ़ाए तो ऐसी वारदातों को रोका जा सकता है। पुलिस फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई पूरी कर आरोपियों को सजा दिलवाए।

ख्याला में अंकित सक्सेना हत्याकांड को कुछ लोगों ने साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की थी। हालांकि, अंकित के बुजुर्ग माता-पिता ने संयम बरतते हुए इलाके का माहौल खराब होने से बचा लिया था। अंकित की मौत के बाद उसके परिजनों ने इलाके में इफ्तार पार्टी का आयोजन कर एक नई मिसाल पेश की थी। अंकित के पिता का कहना है कि उन्हें नफरत केवल अपने बेटे के कातिलों से है, उनके धर्म से नहीं। करीब डेढ़ साल पहले उस शाम जो हुआ था, वह कानून व्यवस्था का मामला था न कि धर्म की वजह से अंकित की हत्या नहीं की गई थी। अंकित की हत्या से पहले और उसके बाद में भी ख्याला में सभी धर्म के लोग एक साथ रह रहे हैं। किसी को किसी से शिकायत नहीं है।