उत्तर प्रदेश के जौनपुर से दिग्गज बसपा MP धनंजय सिंह और उनकी बीवी डॉक्टर जागृति सिंह को दिल्ली पुलिस ने नौकरानी के कत्ल के मामले में गिरफ्तार किया है। जागृति पर 35 साला नौकरानी राखी को पीटकर मार डालने और एमपी पर सुबूत खत्म करने का इल्ज़ाम है।
यह वाकिया ई दिल्ली के साउथ एवेन्यू वाकेय् एमपी के सरकारी रिहायशगाह की है। दीवाली के दिन जागृति की पिटाई से ज़ख्मी नौकरानी को वक्त रहते अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। घर पर ही उसका इलाज किया जाता रहा। इतवार की रात उसकी मौत हो गई। घर के एक नाबालिग नौकर ने भी जागृति पर हरैसमेंट का इल्ज़ाम लगाया है। पीर की शाम जौनपुर से दिल्ली पहुंचे धनंजय ने वाकिया की इत्तेला पुलिस को दी।
चाणक्यपुरी थाना पुलिस ने कत्ल, कत्ल करने की कोशिश , नाबालिग को बंधक बनाकर जबरन काम कराने व जुवेनाइल एक्ट की दफात में मामला दर्ज कर एमपी को बीवी समेत गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ज़राये का कहना है कि धनंजय ने घर में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिग की डीवीडी हटा कर छिपा दी थी।
पुलिस को दिए बयान में जागृति व एमपी ने पिटाई से इन्कार किया है। उन्होंने सफाई दी कि राखी सफाई के दौरान छत से गिर गई थी। पुलिस ने राखी की लाश को पोस्टमार्टम के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल भेज दिया है। वह कोलकाता की रहने वाली थी।
गोरखपुर की रहने वालीं डॉ. जागृति एमपी की दूसरी बीवी हैं। बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी की डिग्री हासिल कर चुकी जागृति राम मनोहर लोहिया अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट हैं। उनके वालिद प्रोजेक्ट आफीसर हैं। पुलिस ज़राये की मानें तो जागृति के खिलाफ साउथ एवेन्यू पुलिस चौकी में नौकरों की पिटाई की शिकायतें पहले भी मिलती रही हैं, लेकिन मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से कार्रवाई नहीं हो पाती थी।
डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस एसबीएस त्यागी ने बताया कि राखी बॉबी प्लेसमेंट एजेंसी के ज़रिये से पिछले आठ-दस माह से एमपी के सरकारी रिहायशगाह पर काम कर रही थी। घर में दिगर दो नाबालिग लड़के भी काम करते हैं। राखी के जिस्म पर चोट के निशान थे। नाबालिग नौकर के जिस्म पर भी जगह-जगह प्रेस से जलाए जाने के निशान मिले।
उसका पूरा जिस्म सूजा हुआ था। उसने बताया कि दीपावली की रात जागृति ने खाने को लेकर हुए झगड़े में उसकी और राखी की जमकर पिटाई की थी। जागृति ने राखी को प्रेस और घर में सजावट के लिए रखे बारहसिंगा के सिर व छड़ी से जमकर पीटा था।
नौकरों की सरगर्मियों पर नजर बनाए रखने के लिए जागृति ने घर में 20 सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। वह इलेक्शन में भी अपना किस्मत आजमा चुकी हैं। साल 2012 के विधानसभा इंतेखाबात में जब धनंजय सिंह एक मुजरिमाना मामले में जेल गए तो मल्हनी असेम्बली हल्के से इलेक्शन की कमान जागृति ने ही संभाली। वह निर्दल उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरीं। सपा के उम्मीदवार पारसनाथ यादव के मुकाबले उन्हें तकरीबन 50 हजार वोट हासिल हुए।
ज़राये के मुताबिक पिछले कुछ महीनों से एमपी और जागृति के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे थे। दोनों की तलाक के हालात शुरू हो चुके थे। एमपी पास की एक दूसरे कोठी में रहते हैं। तालीम के वक्त से सियासत में कदम रखने और दोहरे मर्डर केस समेत दो मामलों में फंसे धनंजय सिंह ने 2006 में मीनू नाम की लड़की से शादी किया था। लेकिन शादी के एक साल बाद ही लखनऊ वाकेय गोमती नगर में मीनू की मुश्तबा हालात में मौत हो गई थी।
बताया जाता है कि उसने इसलिए खुदकुशी की थी क्योंकि उस दौरान धनंजय का जागृति से अफेयर चल रहा था। धनंजय उस वक्त एमएलए थे। मीनू की मौत के बाद 2009 में धनंजय ने जागृति से लव मैरेज कर लिया था। धनंजय सिंह उत्तर प्रदेश सरकार के वज़ीर राजा भैया के नजदीकी हैं। उन पर कुल 30 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें 28 जैसे-तैसे खत्म किए जा चुके हैं। गैंगस्टर मामले में वह पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं।
धनंजय ने कहा कि ”मुझे तीन नवंबर की रात बीवी (जागृति) ने फोन कर बताया कि राखी ज़ख्मी हो गई है। इस पर मैंने प्लेसमेंट एजेंसी को इत्तेला देने की बात कही। वह घर पर ही उसका इलाज करती रही। पीर की सुबह जब उन्होंने बताया कि राखी की मौत हो गई है तब मैं दिल्ली आ गया।”
-धनंजय सिंह, बसपा एमपी
बशुक्रिया: जागरण