हिंदुस्तानी बहरिया के जहाज़ों को ऐसा मालूम होता है कि किसी की नज़र लग गई है। कुछ रोज़ क़बल आबदोज़ हादिसा के बाद मज़ीद एक हादिसा रुनुमा हुआ जहां मुंबई के मचगाव डाक लिमेटेड में टहरे हुए एक बहरी जहाज़ में गैस के इख़राज से कमांडर रैंक के एक ऑफीसर की मौत होगई।
जबकि कुछ दीगर ओहदेदारों को भी ईलाज के लिए हॉस्पिटल में शरीक किया गया। आई एन एस यार्ड ।01 जिसे मचगाव डाक में ही तामीर किया गया था, इसके कार्बन डाई ऑक्साईड यूनिट में उस वक़्त ख़राबी पैदा होगई जब मशीनों की जांच पड़ताल की जा रही थी और अचानक गैस का इख़राज शुरू होगया।
याद रहे कि आई एन एस संधू रत्ना में एक हफ़्ता क़बल आतिश्ज़दगी वाक़िया में बहरिया के दो ओहदेदार हलाक होगए थे जबकि दीगर सात मल्लाह शदीद तौर पर मुतास्सिर हुए थे। यहां इस बात का तज़किरा बेजा ना होगा कि गुजिश्ता सात माह के दौरान बहरिया का ये 12 वां हादिसा है जहां बहरिया के असासा जात को नुक़्सान पहुंचा।
गुजिश्ता साल 14 अगस्त को सब से बड़ा हादिसा उस वक़्त पेश आया था जब आई एन एस संधू रक्षक अपने अमले के 18 अरकान के साथ मुंबई बंदरगाह से क़रीब डूब गया था।