बहरी क़ज़्ज़ाक़ी पर हिंदूस्तान का ईज़हार-ए-तशवीश

अक़वाम-ए-मुत्तहिदा, 14 दिसंबर: (पीटीआई) हिंदूस्तान ने बहरी क़ज़्ज़ाक़ी खासतौर पर सोमालीया के साहिल के क़रीब बहरी क़ज़्ज़ाक़ी को एक लानत क़रार देते हुए कहा कि इससे बहरी सफ़र करने वाले अफ़राद की ज़िंदगीयों को ख़तरा लाहक़ हो जाता है और क़ौमी सलामती बुरी तरह मुतास्सिर होती है।

हिंदूस्तान के मुस्तक़िल सिफ़ारतख़ाने के मुशीर बराए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा वी डी शर्मा ने अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जनरल असेंबली से समुंद्र और समुंद्रों का क़ानून के मौज़ू पर ख़िताब करते हुए कहा कि बहरी क़ज़्ज़ाक़ी समुंद्रों की आज़ादी के लिए, बहरी तिजारत और बहरी जहाज़रानी की सयानत के लिए एक संगीन ख़तरा है।

इससे समुंद्री सफ़र करने वालों की ज़िंदगीयों को ख़तरा लाहक़ होता है। क़ौमी सलामती, इलाक़ाई यकजहती और मआशी तरक़्क़ी मुतास्सिर होती है। उन्होंने कहा कि हम बहरी क़ज़्ज़ाक़ी और समुंद्र में मुसल्लह डकैतियों पर संगीन अंदेशे ज़ाहिर करना चाहते हैं खासतौर पर सोमालीया के साहिल के क़रीब समुंद्री क़ज़्ज़ाक़ी संगीन ख़तरा है।

उन्होंने कहा कि हिंदूस्तान इस लानत का मुक़ाबला करने में बैन-उल-अक़वामी कोशिशों से सरगर्म तआवुन ( मदद) कर रहा है और बैन-उल-अक़वामी बिरादरी के इस ख़तरा से निपटने की तमाम कोशिशों की ताईद करता है। उन्होंने कहा कि एक वसीअ बर्र-ए-आज़म के जाराफ़याई ऐतबार से एक मुल्क और कई जज़ाइर हिंदूस्तान के साथ रिवायती रवाबित रखते हैं और बहरी जहाज़रानी और समुंद्री उमूर में उनके मुशतर्का मुफ़ादात हैं।

इसलिए हिंदूस्तान को बहरी उमूर से मुताल्लिक़ तमाम मुआमलात पर तशवीश है। उन्होंने कहा कि हिंदूस्तान को यक़ीन है कि बैन-उल-अक़वामी बिरादरी का मुफ़ाद बहैसीयत मजमूई समुंद्रों के मुनासिब और पायदार इंतेज़ाम में तौसीअ करना जारी रखेगी ।