बहरैन की आला तरीन अदालत-ए- मुराफ़आ ने 13 मुमताज़ कारकुनों की जिन में से 7 को उम्र कैद की सज़ा का सामना है, सज़ाए कैद की तौसीक़ कर दी। उन पर इल्ज़ाम है कि वो ख़लीज की शाही हुकूमत का तख़्ता पलटना चाहते थे। अदालत-ए- मुराफ़आ ने 13 अपोज़ीशन क़ाइदीन की क़तई अपील मुस्तर्द कर दी। सज़ा याफ्ता अफ़राद में नामवर कारकुन अब्दुल हादी ख़्वाजा भी शामिल हैं।
जिन्हों ने जून में अपनी 110 रोज़ा भूक हड़ताल ख़त्म की है। उम्र कैद सज़ा याफ्ता दीगर दो अफ़राद सदर शीआ अपोज़ीशन हक़ तहरीक हुस्न मशाइमा और रुक्न अब्दुल जलील शामिल हैं। इन कारकुनों ने 2011 के मुख़ालिफ़ हुकूमत एहतिजाज में शिरकत की थी और फ़ौजी ट्रब्यूनल ने उन्हें हुकूमत का तख़्ता उल्टने के लिए दहश्तगर्द ग्रुप्स क़ायम करने के इल्ज़ाम में सज़ा सुनाई थी।