बहरैन में हुकूमत मुख़ालिफ़ आवाज़ों को क्रैक डाउन का सामना

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बहरैन की हुकूमत पर हुक़ूक़े इंसानी की संगीन ख़िलाफ़वर्ज़ीयों का इल्ज़ाम आइद करते हुए कहा है कि चार बरस क़ब्ल हुकूमत मुख़ालिफ़ मुज़ाहिरों के बाद शुरू होने वाला इस्लाहात का अमल उन ख़िलाफ़ वर्ज़ीयों को रोकने में नाकाम रहा है।

हुक़ूक़े इंसानी की आलमी तंज़ीम ने ये बात अपनी एक रिपोर्ट में कही है जो जुमेरात को जारी की गई है। 79 सफ़हात की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बहरैन में हुकूमत मुख़ालिफ़ आवाज़ों को शदीद क्रैक डाउन का सामना है।

एमनेस्टी के मुताबिक़ जहां बहरैनी दारुल हुकूमत में मुज़ाहिरों पर पाबंदीयां आम हैं वहीं हुकूमत के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले कारकुनों को मुसलसल पाबंदी-ए-सलासिल किया जा रहा है जहां उन्हें तशद्दुद और बदसुलूकी का सामना करना पड़ता है।