बहा जंगलों के इन्हीं कैंपों में ट्रेनिंग लेते हैं नक्सली!

रांची 26 मई : नक्सलियों ने छत्तीसगढ के झीरमघाट में कल अब तक का सबसे बड़ा हमला कर यह फिर साबित कर दिया कि हुकूमत की लाख कोशिशों के बाद भी उनकी ताकत में मुसलसल इजाफा हो रहा है। सिक्यूरिटी जवानों की बार-बार नाकामी इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि नक्सलियों को उनके कैंपों में दी जाने वाली ट्रेनिंग के आगे ये कमजोर पड़ जाते हैं।

अकेले छत्तीसगढ़ ही नहीं, देश के कई रियासत नक्सलवाद की आग में जल रहे हैं। जिस तरह आज छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका है, वैसे झारखंड का सारंडा जंगल नक्सलियों का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता रहा है। भाकपा माओवादी की बड़ी से बड़ी बैठकें, तरबियत कैंप व दीगर सरगर्मियों का यह अहम मरकज रहा है।

ताहम, अब सिक्यूरिटी जवानों का दावा है कि सारंडा को नक्सलियों के कब्जे से पूरी तरह आज़ाद करा लिया है। लेकिन, सारंडा के घने जंगलों और उसके जियोग्राफी बनावट से इस दावे पर एक बार में यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल भी लगता है।

मरकजी वजीर जयराम रमेश के मुसलसल दौरों की वज़ह भी सारंडा एक बार चर्चा में है। मरकज हुकूमत ने सारंडा एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसमें जयराम रमेश खुद दिलचस्पी ले रहे हैं।