नई दिल्ली। यूं तो बॉलीवुड चाहको के लिए दिबाकर बनर्जी अपनी फिल्मों के जरिए समाज के मस्लों के हल के बारे में बताते हैं पर वो इस बात को भी बड़े दमदार तरीके से कहते हैं कि उनकी हर फिल्म में हंसने हंसाने का तड़का होता है और ये आगे भी कायम रहेगा।
सियासी दांवपेच की दास्तां बयां करती अपनी फिल्म शंघाई की रिलीज की तैयारी में लगे 41 साल के दिबाकर ने बताया कि खोसला का घोंसला, ओय लकी लकी ओय और लव सेक्स और धोखा जैसी फिल्मों की कहानियां एक-दूसरे से काफी अलग है। हालांकि इन फिल्मों के केंद्र में सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियां ही हैं।
मशहूर अभिनेता अभय देयोल, इमरान हाशमी, प्रसेनजीत चटर्जी और कल्की कोचलिन शंघाई में अपनी अदाकारी के जलवे बिखेरने वाले हैं। शंघाई आठ जून को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी। दिबाकर कहते हैं, मुझे पूरा यकीन है कि यदि कुछ भी नीरस है तो वो बेहतर फिल्म नहीं हो सकती।
गंभीर मस्लों पर बनी लेकिन जटिल तरीके से बनाई गई फिल्में भी अच्छी नहीं कही जा सकती। सिनेमा का मतलब ही मनोरंजन है।
शंघाई में इमरान हाशमी जोगी का किरदार अदा कर रहे हैं जिसे ट्रेलर की रिलीज से ही काफी शोहरत हासिल हो चुकी है। अब देखना है कि अलग तरह की भूमिका निभाने वाले अभय देयोल को लोग कितना पसंद करते हैं।