बहुमत जुटाने में इमरान खान को करनी पड़ रही है मशक्कत!

पाकिस्तान की जनता ने इमरान खान को जीत तो दी है, लेकिन कुछ सीटों की जो कमी रह गई है, उसकी वजह से सरकार बनाने के लिए उनकी पार्टी को एड़ी-चोटी एक करनी पड़ रही है। सबसे मुश्किल यह है कि इमरान जो सरकार बनाएंगे, वह दो-चार सांसदों वाली कई छोटी पार्टियों के साथ बनी खिचड़ी सरकार होगी।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी नेशनल एसेंबली में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में तो उभरी है, लेकिन उसे बहुमत हासिल नहीं हुआ है. पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) द्वारा जारी अंतिम आंकड़ों के मुताबिक उसे कुल 115 सीटें ही मिली हैं।

पाकिस्तान के कानून के मुताबिक किसी पार्टी को सरकार बनाने के लिए उसके पास कम से कम 137 सीटें होनी चाहिए। पाकिस्तान में 25 जुलाई को चुनाव हुए थे।

इस नतीजे के हिसाब से पहली नजर में तो लग रहा है कि इमरान साधारण बहुमत से 22 सीटें दूर हैं। लेकिन गणित इनता साधारण नहीं है, इसमें एक पेच है।

पीटीआई के कुछ नेता कई सीटों पर विजयी हुए हैं और वे केवल एक सीट पर ही बने रह सकते हैं। जैसे खुद इमरान खान पांच सीट पर चुनाव जीते हैं और उन्हें चार सीटें छोड़नी होंगी।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) को 64 और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) को 43 सीटें मिली हैं। दोनों दल मिलकर पीटीआई सरकार को संसद में कड़ी टक्कर देंगे।

पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार, पीटीआई के एक नेता सरवर खान भी दो सीटों से खड़े थे और उन्हें भी एक सीट छोड़नी होगी।

खैबर पख्तूनवा के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज खताक नेशनल एसेंबली और प्रांतीय एसेंबली, दोनों की सीटों पर विजयी हुए हैं, और वह भी नेशनल एसेंबली की सीट छोड़ेंगे। इस तरह पीटीआई के पास महज 109 सीटें बचती हैं।