बांग्लादेश की ओर बढ़ा ‘फोनी’, अब तक 10 लोगों की मौत, दोपहर में खुल सकते हैं कोलाकाता और भुवनेश्वर एयरपोर्ट

खतरनाक चक्रवाती तूफान फोनी ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तबाही का मजंर छोड़ अब बांग्लादेश की ओर बढ़ गया है. इस तूफान की वजह से ओडिशा में 10 लोगों की मौत हुई है जबकि 160 लोग घायल हुए हैं. हालांकि आगे बढ़ने के साथ यह कमजोर होते जा रहा है. इस तूफान की चपेट में आए आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भी भारी नुकसान हुआ है लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. रिपोर्ट्स के मुताबिक बीती रात 12 बजे के बाद पश्चिम बंगाल पहुंचे इस तूफान की वजह से वहां भी कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में शनिवार सुबह तक बारिश होती रही.

इस बीच आज दोपहर तीन बजे तक कोलकाता एयरपोर्ट बंद रहेगा. दूसरी तरफ ओडिशा में अब भी बिजली और संचार सेवाएं बाधित हैं. स्थानीय प्रशासन इसे दुरुस्त करने में जुटा हुआ है. रिपोर्ट्स के मुताबिक आंध्र प्रदेश में 2000 से अधिक बिजली खंभे गिर गए. वहां पर भी बिजली व्यवस्था सुचारू करने की कोशिश जारी है. भुवनेश्वर हवाई अड्डा शुक्रवार को भी बंद रहा जबकि पारादीप और गोपालपुर बंदरगाह भी एहतियाती कदम उठाते हुए बंद कर दिए गए थे. एक अधिकारी ने बताया कि भुवनेश्वर हवाईअड्डा पर उपकरणों को भारी नुकसान पहुंचा है लेकिन उड़ानों का परिचालन शनिवार दोपहर एक बजे से शुरू होने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि भारी बारिश और करील 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली प्रचंड हवाओं के साथ चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ ने शुक्रवार सुबह ओडिशा तट पर दस्तक दी थी. फोनी के आगे बढ़ने के बावजूद तटीय राज्यों में रेड अलर्ट जारी है और मछुआरों को समुद्र में नहीं उतरने को कहा गया है. पूर्व तट रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हावडा – चेन्नई मार्ग पर करीब 220 ट्रेनें रद्द कर दी थी. आज भी कई ट्रेनें रद्द रहेंगी. तूफान के पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ने के मद्देनजर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले 48 घंटे के लिये पूर्वनियोजित अपनी सभी चुनावी रैलियों को रद्द कर दिया है और स्थति पर नजर रख रही हैं.

ओडिशा में तूफान के कारण कई पेड़ उखड़ गये और झोपड़ियां उजड़ गयीं. साथ ही कई शहर और गांव जलमग्न हो गए. चक्रवाती तूफान फोनी ने शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे राज्य की धार्मिक नगरी पुरी में दस्तक दी. बांग्ला में इस तूफान का नाम ‘फोनी’ उच्चारित किया जाता है, जिसका अर्थ ‘सांप का फण’ है. भारी बारिश के कारण प्रभावित इलाकों में स्थित घर डूब गए.

वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक अब तक कम से कम 10 लोग मृत बताए जा रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुरी जिले में एक किशोर सहित तीन लोगों, भुवनेश्वर और आसपास के इलाकों में तीन लोगों के मारे जाने की खबर है. एक कंक्रीट के मलबे की चपेट में आने से नयागढ़ में एक महिला की मौत हो गई जबकि केंद्रपाड़ा जिले में एक राहत शिविर में एक बुजुर्ग महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्थिति की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि पुरी जिला को भारी नुकसान पहुंचा है, जहां चक्रवात ने सबसे पहले दस्तक दी. उन्होंने कहा, ‘बिजली आपूर्ति का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से नष्ट हो गया. बिजली आपूर्ति बहाल करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है.’ बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सैकड़ों इंजीनियर और तकनीशियन युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं.

पटनायक ने कहा कि सड़क संपर्क बहाल करने के लिए कार्य जारी है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चक्रवात अब भी ओडिशा से गुजर रहा है. नुकसान के आकलन करने में वक्त लगेगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य प्रशासन ने चक्रवात से पहले करीब 10,000 गांवों और 52 शहरी इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को हटा लिया था जो देश में प्राकृतिक आपदा के समय संवेदनशील जगहों से लोगों को निकालने का संभवत: अब तक का सबसे बड़े पैमाने पर किया गया बचाव कार्य है. ये सभी लोग 4,000 से अधिक शिविरों में ठहरे हुए हैं जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिये बनाये गये 880 केंद्र शामिल हैं.