बांग्लादेश में छप रहा भारतीय जाली नोट

ढ़ाई लाख रुपये के जाली नोट के साथ रेल पुलिस के हत्थे चढ़ी प्रेमा तिवारी और अंजनी चौबे बांग्लादेश के एजेंट सलाउद्दीन से जाली नोट लिया करते थे। एक लाख असली रुपये देने पर इन्हें ढ़ाई लाख रुपये का नकली नोट मिलता था। इन नोटों में एक हजार व पांच सौ के नोट होते थे। प्रेमा देवी यह गोरखधंधा उस वक़्त से कर रही है, जब उसका बेटा राजीव तिवारी इसी धंधे के इलज़ाम में जेल गया।

राजीव फिलहाल दो सालों से बक्सर जेल में बंद है। राजीव के कहने पर ही प्रेमा इस धंधे में अपने रिश्तेदार अंजनी चौबे के साथ शामिल हुई थी। कुछ दिनों तक, तो इनका धंधा बिना रोक-टोक चलता रहा, लेकिन जुमा को प्रेमा पुलिस की गिरफ्त में आ गयी।

पूछताछ में प्रेमा ने बताया कि वह महीने में दो से तीन बार मालदा जाती थी और वहां से जाली नोट एजेंट सलाउद्दीन से लेकर बक्सर के ही मुख्तलिफ एजेंटों के मार्फत उसे बाजार में चलाती थी। पूछताछ में उसने कई एजेंटों के नाम का खुलासा किया है। सभी एजेंट बक्सर के ही रहनेवाले हैं। उन्हें दबोचने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।