बागपत में दलित युवक की पिटाई से मौत और उसके बाद दलित परिवारों के पलायन मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने इस संबंध में यूपी सरकार को नोटिस जारी कर मामले में अब तक की गई कार्रवाई से चार हफ्ते के अंदर अवगत कराने को कहा है. साथ ही पीड़ित दलित परिवारों को राहत और उनके पुनर्वास के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, इसकी भी जानकारी मांगी है.
अारोप है कि एक युवक और गुज्जर महिला के बीच संबंध के चलते दलित युवकों पर दबंगों ने हमला किया गया. हमले में 19 साल के युवक की जान चली गई, वहीं उसका 16 साल का साथी घायल हो गया. मामला कमाला गांव का है. पता चला कि घटना के बाद से ही गांव में दलितों के घर खाली हो गए हैं. मामले में आईजी मेरठ रेंज ने कहा है कि सभी सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं पीड़ित के घर के आसपास सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं. मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. इसमें प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी से घटना के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
कमीशन का कहना है कि ये मानवाधिकार का खुला उल्लंघन है. ये घटना दर्शाती है कि क्षेत्र किस तरह कानून विहीन है. इसके चलते दलित समुदाय पीड़ित है. नोटिस में आयोग ने यह भी कहा है कि मामले में पीड़ित परिवारों को राहत और पुनर्वास के लिए क्या कदम उठाए गए इससे भी अवगत कराया जाए. साथ ही इलाके में कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए क्या कदम उठाए गए, रिपोर्ट में यह भी दिया जाए. आयोग ने यूपी सरकार को रिपोर्ट देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है.