कर्नाटक में हुक्मराँ बी जे पी में मौजूद साबिक़ वज़ीर-ए-आला ( पूर्व मुख्य मंत्री) येदि यूरप्पा कैंप ने तात्तुल ( रुकावट) का ख़ातमा करते हुए वज़ीर-ए-आला सदानंद गौड़ा को लेजिस्लीचर पार्टी (legislature party) के इजलास के इनइक़ाद ( आयोजित सभा) के लिए सिर्फ तीन रोज़ की मोहलत दी है।
इस तरह उन्होंने अब सदानंद गौड़ा की क़ियादत के लिए भी चैलेंज पैदा करते हुए सूरत-ए-हाल को पेचीदा कर दिया है। यहां मुनाक़िदा ( आयोजित) एक इजलास ( सभा) के दौरान नाराज़ अरकान ने गौड़ा से ख़ाहिश ज़ाहिर की कि वो अंदरून तीन दिन लेजिस्लीचर पार्टी (legislature party/विधानमंडल) का इजलास मुनाक़िद ( सभा आयोजन) करें।
ये मुतालिबा हालाँकि एक अरसा-ए-दराज़ से किया जा रहा है जिस के लिए सदानंद गौड़ा टाल मटोल से काम ले रहे हैं। दरीं असना अख़बारी नुमाइंदों ( पत्रकारों) से बात करते हुए वज़ीर बराए पब्लिक वर्क़्स सी एम अडासी जिन्हें येदि यूरप्पा का वफ़ादार क़रार दिया जाता है, ने निश्चय किया कि 40 अरकान असैंबली, सात एम एल सीज़, और तीन अरकान पार्लीमान ने उनकी रिहायश गाह पर नाशतादान इजलास में शिरकत की थी।
मिस्टर उडासी ने मज़ीद कहा कि मिस्टर येदि यूरप्पा और वज़ीर बराए देही तरक़्क़ीयाती (Rural Development minister)जगदीश शेटर जिन्हें बाग़ी अरकान सदानंद गौड़ा के जांनशीन की हैसियत से पेश कर रहे हैं अनक़रीब दिल्ली रवाना हो रहे हैं जहां वो मर्कज़ी क़ियादत से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि 224 रुकनी असेंबली में उन्हें 120 के मिनजुमला 75 अरकान असेंबली की ताईद ( समर्थन) हासिल है।
अरकान असेंबली ने अपने मुताल्लिक़ा हलक़ा राय दही में तरक़्क़ीयाती मौज़ूआत और दीगर मसाइल ( समस्याओं) पर तबादला-ए-ख़्याल करना चाहते हैं। दूसरी तरफ़ बाग़ी कैंप में मौजूद ज़राए के मुताबिक़ अब सदानंद गौड़ को इक़तिदार (शासन) से बेदखल करने की मुहिम ( नीती) चलाएगी।
जब उन से ये पूछा गया कि दी हुई मोहलत पर वज़ीर-ए-आला की अमलावरी ना करने पर बाग़ी ग्रुप्स की आइन्दा हिक्मत-ए-अमली क्या होगी तो उन्होंने जवाब दिया कि तीन दिनों तक इंतेज़ार कीजिए।