बाज़ारों की क़िल्लत अरूणाचल प्रदेश के देहात की पैदावार सड़रही है

इटानगर

अरूणाचल प्रदेश के एक छोटे से देहात डाडो के काश्तकार जो अपनी ज़रई पैदावार केलिए शौहरत रखता है परेशान हैं। क्योंकि उनकी पैदावार का बड़ा हिस्सा हुकूमत की इमदादी क़ीमत और बाज़ारों से रब्त के फ़ुक़दान की वजह से गोदामों में सड़रहा है।

मुक़ामी बाज़ार काफ़ी नहीं है। ज़रई पैदावार को हुकूमत की जानिब से अक़ल्लतरीन इमदादी क़ीमत पर ख़रीदा नहीं जा रहा है और ना ज़रात की असरी टैक्नालोजी की मालूमात फ़राहम की जा रही हैं। ज़रई पैदावार में टमाटर काफ़ी दीगर तरकारियां फल और मसालिहा शामिल हैं। एक काश्तकार ने कहा कि इन तमाम अशीया की मालियत सिर्फ़ एक शख़्स के पास 5हज़ार ता 6 हज़ार रुप होगी।