ईस्लामाबाद, ०१ दिसम्बर (पी टी आई) मग़रिबी ममालिक की अपीलों को मुस्तर्द करते हुए पाकिस्तान ने कहा कि वो अफ़्ग़ानिस्तान पर बाण कान्फ़्रैंस के बाईकॉट के फ़ैसला पर क़ायम है और ये इस का क़तई फ़ैसला है।
इस मुआमला में वो अमरीकी दबाव् के आगे नहीं झुकेगा। नाटो फ़िज़ाई हमलों में 24 पाकिस्तानी सिपाहीयों की हलाकत पर अपना मौक़िफ़ सख़्त करने का इशारा देते हुए वज़ीर-ए-ख़ारजा हिना रब्बानी खर ने कहा है कि इस हमला ने तमाम हदों को पार कर दिया है।
उन्हों ने सैनेट की स्टैंडिंग् कमेटी बराए अमोरख़ारजा को हमलों के बारे में वाक़िफ़ कराते हुए सख़्त लब-ओ-लहजा इस्तिमाल किया। इनका ये तबसरा उस वक़्त सामने आया जबकि वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने ऐसा महसूस होता हीका अपना मौक़िफ़ किसी क़दर नरम किया है।
उन्हों ने कहा कि अगर पाकिस्तान की सलामती, सालमीयत और वक़ार की तमानीयत ना दी जाय तो हम बाण कान्फ़्रैंस में शिरकत नहीं करेंगी। मग़रिबी ममालिक ने इस कान्फ़्रैंस में पाकिस्तान की शिरकत यक़ीनी बनाने केलिए अपनी कोशिशें तेज़ कर दी है। इस कान्फ़्रैंस में 85 ममालिक और 15 बैन-उल-अक़वामी तंज़ीमें हिस्सा
ले रही है।
अमरीका, जर्मनी और अफ़्ग़ानिस्तान में पहले ही बरसर-ए-आम पाकिस्तान से फ़ैसला पर नज़रसानी की ख़ाहिश की ही, लेकिन हिना रब्बानी खर ने सख़्त मौक़िफ़ इख़तियार करते हुए कहा कि अब बहुत हो चुका है। हुकूमत अपने किसी शहरी या सिपाही के एक क़तरा ख़ून को भी माफ़ नहीं करेगी। उन्हों ने कहा कि शमसी एयर बॆस् के
तख़लिया का अमरीका को हुक्म और बाण कान्फ़्रैंस में शिरकत ना करने का फ़ैसला क़तई है।