बात करने वाले दुर्लभ पक्षियों के व्यापार पर प्रतिबंध

जोहानसबर्ग: दुर्लभ पक्षियों और जानवरों की पीढ़ी की सुरक्षा के संबंध में संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए व्यक्ति की तरह बात करने वाले अफ्रीकी ग्रे पैरट या तोते के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है।
विश्व संस्था के इस कदम का उद्देश्य उक्त दुर्लभ पक्षी की पीढ़ी के लिए खतरे को रोकने की कोशिश है।
ब्रिटिश समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अत्यंत दुर्लभ पक्षी की उक्त जाति को कन्वेंशन ‘अपेंडिक्सवान’ में शामिल कर लिया गया है, जो वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए किसी पक्षी की बिक्री या शारीरिक भागों को सीमा पार जाने से रोकती है।
उक्त निर्णय संयुक्त राष्ट्र लुप्तप्राय प्रजातियों के बारे में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (सी आई टी ई एस) के सदस्यों ने पहली बार गुप्त मतदान के माध्यम से किया है, यह कदम जोहानसबर्ग में दो सप्ताह से जारी बातचीत का नतीजा है ।
युद्ध जीवन की कन्वेंशन सोसायटी प्रतिनिधिमंडल के उपाध्यक्ष और प्रमुख सोसान लाईबरमेन का कहना था कि ‘उक्त दुर्लभ पक्षी के वैश्विक अवैध व्यापार के कारण उसके वंश के विलुप्त होने का खतरा था, जिसे रोकने के लिए उसे अपेंडिक्स वान में शामिल करना एक अच्छा कदम है। ”
गौरतलब है कि ग्रे पैरट या तोते की प्रजनन अक्सर कैद में रखकर की जाती है और उसे पालतू के रूप में बेचा जाता है, जिसे 1981 में अपेंडिक्सवान टू में शामिल किया गया था, जो उक्त दुर्लभ पक्षी के व्यापार को सीमित रखने के संबंध से था।
अमेरिकी फेश एवं वाइल्ड लाइफ सर्विस के निदेशक और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख डीन एशे का कहना था कि ‘पिछले 25 साल में 15 लाख ग्रे तोतों को उनके पैतृक क्षेत्रों से ले जाया गया है, जिसके बाद यह दुनिया में सबसे ज़्यादा बेचा जाने वाला दुर्लभ पक्षीयों की गिनती में आता है। ‘