बाबरी मस्जिद की शहादत के वक़्त नरसिम्हा राव की पूजा की तरदीद ( खंडन)

एक साबिक़ आई पी एस ओहदादार किशोर कनाल ने आज कहा कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद की शहादत के वक़्त साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म पी वे नरसिम्हा राव ना तो पूजा कर रहे थे और ना सो रहे थे।

नामवर सहाफ़ी ( Jouralist) कुलदीप नय्यर ने अपनी किताब ‘Beyond The Lines’ में दावा किया है कि बाबरी मस्जिद की शहादत के वक़्त नरसिम्हा राव पूजा में मसरूफ़ ( व्यस्त) थे। किशोर कनाल ने कहा कि हक़ीक़त इस के बरअक्स ( विपरीत) है।

नरसिम्हा राव मर्कज़ी मोतमिद दाख़िला (Union Home Secretary) माधव गोडबोले से मुसलसल मालूमात हासिल कर रहे थे। मोतमिद दाख़िला हर निस्फ़ घंटा पर उन्हें सूरत-ए-हाल से वाक़िफ़ करवा रहे थे।