उत्तरप्रदेश के वज़ीर बराए शहरी तरक्कियात ओ अकलिती उमूर आज़म ख़ान ने आज एक अहम बयान देते हुए कहा कि हिंदुस्तान में दहशतगर्दी बाबरी मस्जिद की शहादत के बाद उभरी। समाजवादी पार्टी के सीनियर क़ाइद ने फ़ैज़ाबाद में एक इंतिख़ाबी रैली से ख़िताब करते हुए कहा कि 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद की शहादत ने हिंदुस्तान में दहशतगर्दी के बीज बोए।
अयोध्या में इस अज़ीम सानिहा से क़बल किसी ने भी ए के 47, आर डी अक्स दहशतगर्दी का नाम तक नहीं सुना था। एस पी सरबराह मुलायम सिंह से करीब तसव्वुर किए जाने वाले आज़म ख़ान ने कहा कि फ़िर्कापरस्त ताक़तों ने बाबरी मस्जिद को शहीद कर के ऐसा समझ लिया कि वो हमेशा के लिए जीत गए लेकिन आज 20 साल गुज़रने के बावजूद भी मुल्क को इसका ख़ममयाज़ा भुगतना पड़ रहा है बाबरी मस्जिद की शहादत से क़बल मुल्क में दहशतगर्दी का नाम-ओ-निशान तक नहीं था और हर तरफ़ अमन-ओ-अमान का बोल बाला था।
उन्होंने मुल्क में फ़िर्क़ा वारियत आम करने के लिए बी जे पी और दीगर फ़िर्कापरस्त जमातों को ज़िम्मेदार क़रार दिया। उन्होंने कहा कि ये बी जे पी ही है जिसने मासूम लोगों के हाथों में बम और बंदूकें थमा दी और हिंदू मुसलमान के बीच मुनाफ़िरत के बीज बोए। आज़म ख़ान के बयान के रद्द-ए-अमल के तौर पर बी जे पी के रियासती तर्जुमान विजय बहादुर पाठक ने कहा कि आज़म ख़ान से यही उम्मीद थी कि वो बाबरी मस्जिद की शहादत का तज़किरा इलेक्शन रैली के दौरान ज़रूर करेंगे।
उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है। ये वही आज़म ख़ान हैं जिनसे ख़ुद उनकी पार्टी गुजिश्ता दो साल से परेशान है। आज़म ख़ान ने कहा कि मुल्क के नौजवानों को दहशतगर्दी के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था लेकिन फ़िर्कापरस्त पार्टियों ने उन्हें दहशतगर्दी पर उकसाया।