बाबरी मस्ज़िद को ढहाना एक सोची समझी साजिश थी , ये दावा किया है राष्ट्रवादी शिवसेना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बाबरी मस्जिद कांड के आरोपी जय भगवान गोयल ने । गोयल ने कहा है कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्ज़िद को सोची समझी रणनीति के तहत गिराया गया था । उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “अयोध्या में उस दिन जो भी किया, सोच समझकर किया, दिल से किया और खुशी से किया।”
गोयल ने कहा कि साल 1990 में यूपी के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने कार सेवकों की हत्या कराई, उनके शव सरयू में फेंकवा दिए । इन सबका हिन्दू समाज में आक्रोश था और हिन्दू समाज इसका बदला लेना चाहता था । उन्होंने कहा कि इसके लिए हमलोग पूरी तैयारी के साथ और डायनामाइट लेकर गए थे । गोयल ने बताया कि शिव सेना के स्थानीय विधायक पवन पांडेय ने हम लोगों को गैचा, गैंतिया, हथौड़े, सीढ़ी, लाठी डंडे आदि मुहैया कराए थे।
न्यूज लॉन्ड्री के लिए मनोज रघुवंशी को दिए इंटरव्यू में गोयल ने बताया कि लाखों कार सेवक बदले की आग में जल रहे थे । 500 सालों के कलंक को धोने के लिए सभी बेचैन थे। सभी का एक ही मकसद था, ढांचा गिरना चाहिए । उन्होंने कहा कि इस काम के लिए अगर फांसी भी होती है तो मैं तैयार हूं।
गोयल ने कहाकि शिव सेना ने दिल्ली में बैठक कर तय किया था कि इस बार 6 दिसंबर को होने वाली कार सेवा में बाबरी मस्जिद बचनी नहीं चाहिए । गोयल ने दावा किया कि जब हम लोगों ने बाला साहेब ठाकरे को शिव सेना की दिल्ली बैठक में लिए गए फैसले के बारे में बताया तो वो खुश हो गए थे और उन्होंने भी कहा था कि ढांचा बचना नहीं चाहिए ।
जय भगवान गोयल ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले में सबसे पहले मुझे गिरफ्तार किया था । तब भी हमने बाबरी मस्जिद को गिराने की बात को स्वीकार किया था, ये हमारे लिए शर्म की बात नहीं, सम्मान की बात है । 5 लाख लोगों के त्याग और समर्पण की बात है। उन्होंने कहा, “मैं शिवसेना की तरफ से टीम का कैप्टन था। पांच बजे शाम तक ढांचा तोड़ दिया था । 8 बजे शाम में ट्रेन बैठ गए थे। सुबह 6 बजे तक दिल्ली पहुंच गए थे।”