मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बाबरी ढांचे पर एक बड़ा बयान दिया है। चिदंबरम ने कहा कि बाबरी ढांचे को खतरा होने का पुख्ता सबूत होने के बावजूद उसे केंद्र के नियंत्रण में नहीं लाना नरसिम्हा राव सरकार द्वारा ‘घातक राजनीतिक भूल’ थी। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि वह घटना को महज फैसले में भूल बताकर दरकिनार नहीं करेंगे। घटना के परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री राव ने पार्टी कार्यकर्ताओं का विश्वास खो दिया।
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार उन्होंने ‘टाटा लिटरेचर लाइव महोत्सव’ में ‘नरसिम्हा राव: दी फारगेटन हीरो’ पर चर्चा के दौरान कहा कि कई लोगों ने नरसिम्हा राव को चेतावनी दी थी, बाबरी ढांचे को खतरा है। हमारी सरकार ने एक बयान जारी किया था कि किसी भी मामले में हम इसे ध्वस्त करने की अनुमति नहीं देंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात करेंगे। उन्होंने कहा कि यह खतरा अचानक नहीं था और न तो कार सेवकों द्वारा यह स्वतः कार्रवाई थी।
उन्होंने कहा कि रामेश्वरम से पत्थर लाए जा रहे थे और वह ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। पूरी ट्रेन को बुक किया जा रहा था। हर कोई जानता था कि लाखों लोग जुटेंगे। बाबरी ढांचे को असली खतरा था जो वहाँ कम से कम 1987-88 से था।