बाबरी मस्जिद मुक़द्दमा की पेशरफ़त पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ का फ़ैसला

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का इजलास 20 अप्रैल को मुनाक़िद हो रहा है जिसमें बाबरी मस्जिद । राम मंदिर मिल्कियत मुक़द्दमा, वक़्फ़ तरमीमी बिल, हक़ तालीम क़ानून, रास्त टैक्सेस कोड बिल पर पेशरफ़त का जायज़ा लिया जाएगा।

रास्त मुहासिल बिल के ज़रीया मज़हबी ट्रस्ट और उन्हें मिलने वाले अतीया जात पर भी टैक्स आइद करने की तजवीज़ पेश की गई है। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के तर्जुमान मौलाना अबदुर्रहीम क़ुरैशी ने तवक़्क़ो ज़ाहिर की कि हुकूमत इन मसाएल पर हमारे तहफ़्फुज़ात को पेशे नज़र रखेंगे। उन्होंने बताया कि ये मौज़ूआत इंतिहाई संगीन नौईयत के हैं और तवक़्क़ो है कि हुकूमत उन की यकसूई के लिए संजीदगी का मुज़ाहरा करेगी।

उन्होंने बताया कि बोर्ड की वर्किंग कमेटी का इजलास 20 से 22 अप्रैल मुंबई में मुनाक़िद होगा। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के रुकन कमाल फ़ारूक़ी ने कहा है कि बाबरी मस्जिद एक अहम मसला है और सुप्रीम कोर्ट में इस ताल्लुक़ से मुक़द्दमा की पेशरफ़त पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ किया जाएगा।

मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने वक़्फ़ तरमीमी बिल 2010 को पहले ही मुस्तर्द कर दिया है क्योंकि बोर्ड को ये एहसास है कि इस बिल से मुस्लमानों के मुफ़ादात मुतास्सिर होंगे। मुजव्वज़ा रास्त मुहासिल कोड की भी मुख़ालिफ़त करते हुए बोर्ड ने कहा कि मुनादिर ( मन्दिरें), मसाजिद और दीगर मज़हबी इदारों को इसके दायरा कार में लाया जाएगा।

हक़ तालीम क़ानून का जहां तक ताल्लुक़ है, हुकूमत ने मदारिस और मज़हबी इदारों में तफ़रीक़ से इत्तिफ़ाक़ किया है, लेकिन बोर्ड का ये एहसास है कि ज़रूरी तरमीमात की जानी चाहीए। उन्होंने तवक़्क़ो ज़ाहिर की कि जारीया सेशन में ये मुतालिबा तस्लीम कर लिया जाएगा । इजलास में उत्तर प्रदेश ज़मींदारी तंसीख़ और अराज़ी इस्लाहात क़ानून पर भी ग़ौर किया जाएगा, क्योंकि बोर्ड इस बात का ख़ाहां है कि विरासत में मिलने वाली जायदाद में तमाम ख्वातीन को इन का हिस्सा दिया जाएगा और इसे सिर्फ ग़ैर शादी शूदा लड़कीयों तक महिदूद ना रखा जाए।