सुप्रीम कोर्ट ने आज बाबरी मस्जिद की शहादत के मुक़द्दमा की समाअत मुक़र्ररा तारीख़ से तक़रीबन दो माह क़ब्ल मुनाक़िद करने से इत्तिफ़ाक़ कर लिया । इस मुक़द्दमा के मुल्ज़िमीन में बी जे पी के सीनीयर क़ाइद एल के अडवानी और दीगर 19 अफ़राद शामिल हैं ।
सी बी आई ने मुक़द्दमा की आजलाना समाअत की दरख़ास्त की थी और उसकी बी जे पी के सीनीयर क़ाइद ने मुख़ालिफ़त भी नहीं की। चुनांचे जस्टिस जी एस सिंघवी की ज़ेर ए क़ियादत बेंच ने जिसके इजलास पर ये मुआमला ज़ेर-ए-समाआत है , मुक़द्दमा की मुक़र्ररा तारीख़ से तक़रीबन दो माह क़ब्ल अक्तूबर के पहले हफ़्ते में समाअत से इत्तिफ़ाक़ कर लिया ।
क़ब्लअज़ीं इस मुक़द्दमा की समाअत दिसंबर में मुक़र्रर थी । ये मुक़द्दमा सी बी आई ने आडवानी और दीगर 19 मुल्ज़िमीन की बाबरी मस्जिद की शहादत के मुक़द्दमा में बरात के इलहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसला के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है ।बाल ठाकरे का नाम मुल्ज़िमीन की फ़हरिस्त से उनके इंतिक़ाल के बाद हज़फ़ कर दिया गया है। मुक़द्दमा की आजलाना बुनियादों पर समाअत की गुज़ारिश करते हुए सी बी आई की पैरवी करने वाले सीनीयर एडवोकेट पी पी राव ने कहा कि ये मुक़द्दमा क़ब्लअज़ीं सितंबर में समाअत के लिए मुक़र्रर किया गया था ।
आडवानी की पैरवी करने वाले वकील सीनीयर एडवोकेट के के वीनू गोपाल ने भी दो माह क़ब्ल समाअत की तारीख़ मुक़र्रर करने से इत्तिफ़ाक़ करलिया। सुप्रीम कोर्ट क़ब्लअज़ीं इलहाबाद हाईकोर्ट के फ़ैसला के ख़िलाफ़ अपील में ताख़ीर करने की बिना पर सी बी आई पर तन्क़ीद कर चुकी है । सी बी आई ने अपनी ख़ुसूसी अदालत और इलहाबाद हाईकोर्ट के आडवानी-ओ-दीगर की इस मुक़द्दमा में बरा॔त को चैलेंज करते हुए अपील दाख़िल की है ।