बायोमेट्रिक राशन कार्ड : महज़ 54.30 फीसद इंट्री की हो सकी जांच

झारखंड हुकूमत की तरफ से 69 लाख खानदानों को नया बायोमेट्रिक राशन कार्ड देने की अमल ढाई सालों में भी पूरी नहीं हो पायी है। मई-जून 2011 में लिये गये गये दरख्वास्त में से सिर्फ 54.30 फीसद ही तसदीक़ हो पाये हैं।

तसदीक़ की अमल टेढ़ी होने से यह परेशानी हो रही है। हुकूमत ने दरख्वास्त की जांच के लिए 15 दिन का वक़्त मुकर्रर किया है। पर साल भर तक तसदीक़ का काम पूरा नहीं हो पाता है। मौजूदा अर्जुन मुंडा हुकूमत के मुद्दत में नये राशन कार्ड देने की अमल शुरू की गयी थी। 2012 में राशन कार्ड के डिजिटाइजेशन की अमल शुरू हुई। नेशनल इंफोरमेटिक्स सेंटर (एनआइसी) को बायोमेट्रिक राशन कार्ड के लिए दरख्वास्त की इंट्री का काम सौंपा गया। फूड तक़सीम और सारफीन मामलों के महकमा की मानें, तो 54.47 लाख से ज़्यादा दरख्वास्त गुज़ार में से 52.25 लाख दरख्वास्त की इंट्री की जा चुकी हैं।

इसमें एपीएल खानदानों के लिए 23.42 लाख, बीपीएल खानदानों में 20.58 लाख, अंत्योदय खानदान के लिए 2.22 लाख से ज़्यादा और इजाफा बीपीएल में 6.02 लाख से ज़्यादा की इंट्री की जा चुकी है। इनमें से महज़ 28.38 लाख दरख्वास्तों की जांच की जा सकी है। जबकि आधार कार्ड के साथ इंट्री 2.65 लाख हैं।

एपीएल, बीपीएल खानदानों के दरख्वास्त में ज़्यादा इंट्री

रियासत सरकार का कहना है कि एपीएल खानदान और बीपीएल खानदानों के दरख्वास्त की ज़्यादा इंट्री की गयी है। एपीएल खानदान के तहत 19.62 लाख कार्ड जारी किये जाने का टार्गेट तय किया गया था, जबकि इसकी इंट्री 23.42 लाख कर दी गयी है। एपीएल खानदान में देवघर, चतरा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग, जामताड़ा, रांची, सरायकेला-खरसांवां, सिमडेगा, मगरीबी सिंहभूम, खूंटी और रामगढ़ में ज्यादा इंट्री कर दी गयी है। 14.61 लाख बीपीएल खानदानों के टार्गेट के खिलाफ 20.58 लाख ज़्यादा इंट्री कर दी गयी है। मशरिकी सिंहभूम, मगरीबी सिंहभूम और खूंटी को छोड़ तमाम जिलों में बीपीएल खानदान की इंट्री ज़्यादा की गयी है।