बारूदी सुरंग धमाके में कटिहार के नेहाल शहीद

गालूडीह थाना इलाक़े के केशरपुर (बाघुड़िया) पिकेट में सीआरपीएफ 193 बटालियन के कमांडेंट के ओहदे पर काफी दिनों से काम कर रहे मो नेहाल आलम इतवार को छतीसगढ़ के नक्सल मुतासीर सुकमा के नजदीक भैजी थाना इलाक़े के एक गांव में नक्सलियों की तरफ से किये गये लैंड माइन विस्फोट में शहीद हो गये। वे कटिहार के के दमदम गांव के रहनेवाले महबूब आलम के बेटा हैं। उनका खानदान फिलहाल दुर्गापुर (प बंगाल) में रहता है।

नेहाल आलम का यहां से दिल्ली ट्रांसफर हो गया था। मौजूदा में वे छतीसगढ़ में सीआरपीएफ के 219 बटालियन में डिप्टी कमांडेंट के ओहदे पर तैनात थे। जवानों के साथ नक्सलियों के खिलाफ खुसुसि ऑपरेशन पर इतवार को वे निकले थे। भैजी थाना इलाक़े के जंगलों में शाम तीन से चार बजे के दरमियान बम धमाके में वे शहीद हो गये। इसकी इत्तिला मिलते ही मुसाबनी में वाक़ेय सीआरपीएफ हेड क्वार्टर के जवान गम में डूब गये।

ऑपरेशन ग्रीन हंट को अंजाम तक पहुंचाया था

साल 2010 से 11 तक नेहाल आलम घाटशिला और गालूडीह थाना इलाक़े के हीरागंज और केशरपुर में तैनात रहे। इस दौरान घाटशिला में मार्च 2010 में नक्सलियों के खिलाफ शुरू ऑपरेशन ग्रीन हंट को नेहाल आलम ने घाटशिला के साबिक़ एएसपी अनूप बिरथरे के साथ मिलकर अंजाम तक पहुंचाया था। रात में नक्सलियों की तर्ज कर बासाडेरा में उन्होंने गाँव वालों के साथ बैठक की थी। नेहाल आलम ने अपने कामों से सरहदी गांवों के लोगों का दिल जीतने में कामयाब हुए थे।