बार काउंसिल के हाल ही में किये गए वेरिफिकेशन के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो उसके मुताबिक देश में मौजूद वकीलों की तादाद आधी हो सकती है।
इस हफ्ते की शुरुआत में बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने चीफ जस्टिस जेएस खेहर और सुप्रीम कोर्ट के बाकी जजों के आगे घोषणा की थी कि फिलहाल चल रहे वेरिफिकेशन कार्यक्रम के तहत सिर्फ 55-60 प्रतिशत ही असली वकील मिले हैं।
जस्टिस जेएस खेहर को सम्मानित करने के एक कार्यक्रम में वकीलों और जजों के सामने मिश्रा ने कहा, प्रैक्टिस कर रहे असली वकीलों की तादाद वेरिफिकेशन की प्रक्रिया के बाद 55-60 प्रतिशत रह गई है। इससे हमारे पेशे की क्वॉलिटी में सुधार होगा।
बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा, बीसीआई के 2012 के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक हमारे पास 14 लाख वोटर्स थे, लेकिन जब वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू हुई तो कुल 6.5 लाख आवेदन ही आए।
इन आंकड़ों से जस्टिस खेहर भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा, बीसीआई की वेरिफिकेशन प्रॉसेस देखकर खुशी हुई। लेकिन यह उन लोगों की बात नहीं है, जिनके पास नकली डिग्रियां हैं बल्कि उनके लिए भी है जिनके पास कोई डिग्री ही नहीं है। ये लोग बिना लाइसेंस के काम करते हैं। ये लोग बिना किसी अधिकार के कोर्ट में आकर प्रैक्टिस करने लगते हैं।