बार बार उप चुनाव‌ से सरकारी ख़ज़ाने पर बोझ 70 करोड़ खर्च‌

* 2009 के बाद से पाँच मर्तबा उप चुनाव‌ । 38 करोड़ रुपया की बेनामी रकम‌ और सोना-चांदी भी ज़बत
हैदराबाद / आंधरा प्रदेश में लगातार उपचुनाव‌ के नतीजे में सरकारी ख़ज़ाने पर ज़बरदस्त माली बोझ पड‌ रहा है । रियासत में 2009 के असेंबली‍ और‌-लोक सभा चुनाव‌ के बाद से अब तक पाँच मर्तबा उपचुनाव‌ हुए हैं। सरकारी ज़राए(सुत्रो) के मुताबिक‌ अब तक जो पाँच मर्तबा उपचुनाव‌ हुए हैं उन के नतीजे में 70 करोड़ रुपयें खर्च‌ हुए हैं।

सब से पहले उपचुनाव‌ 2010 में हुए थे । 12 असेंबली हलक़ों के लिए हुए उपचुनाव‌ के लिए कुल‌ 9.79 करोड़ रुपयें ख़र्च हुए । इस के इलावा 2011 में 2 असेंबली हलक़ों के लिए उपचुनाव‌ हुआ जिस पर 1.6 करोड़ रुपयें ख़र्च हुए । 2011 ही में कड़पा लोक सभा हलक़ा के लिए उपचुनाव‌ हुआ जहां से जगन मोहन रेड्डी ने कामयाबी हासिल की । इस चुनाव‌ पर कुल‌ 8.39 करोड़ रुपयें खर्च‌ हुए ।

2012 में मार्च के महीने में सात असेंबली हलक़ों के लिए उपचुनाव‌ हुए जिन पर कुल‌ 10.35 करोड़ रुपयें ख़र्च हुए । इस के इलावा फिर एक मर्तबा एक लोक सभा और 18 असेंबली हलक़ों के लिए इस‌ माह चुनाव‌ हुए जिन पर कुल‌ 40 करोड़ रुपयें खर्च‌ हुए हैं।

2010 में 12 असेंबली हलक़ों के लिए चुनाव‌ इस लिए हुआ क्योंकि असेंबली सदस्यों ने तेलंगाना राजय बनाने के मुतालिबा की ताईद में अपनी सदसियत‌ से अस्तीफ़ा पेश कर दिया था । जबकि पली वेनदला असेंबली सिट और कड़पा लोक सभा सिट‌ के लिए मई 2011 में इस लिए चुनाव‌ हुए क्योंकि जगन और उन की माँ कांग्रेस से अलग‌ इख़तियार करने के बाद अपने हलक़ों से अस्तीफ़ा पेश कर दिया था ।

अक्टूबर 2011 में बान्सवाड़ा हलक़ा असेंबली के लिए उपचुनाव‌ हुआ क्योंकि तेल्गुदेशम असेंबली सदस्य पोचार्म श्री निवास रेड्डी ने पार्टी और असेंबली की सदसियत‌ से अस्तीफ़ा पेश करते हुए टी आर एस के टिकेट पर दुबारा मुक़ाबला किया और कामयाबी हासिल की थी ।

इस साल मार्च में सात असेंबली हलक़ों के लिए चुनाव‌ हुए क्योंकि पाँच असेंबली सदस्य ने अलग राजय तेलंगाना की ताईद में अपने हलक़ों से अस्तीफ़ा दे दिया था । एक असेंबली सदस्य‌ का इंतिक़ाल होगया था और एक असेंबली सदस्य ने जगन की ताईद में अस्तीफ़ा दिया था ।

मार्च के बाद फिर उपचुनाव‌ 18 असेंबली हलक़ों और एक लोक सभा सिट‌ के लिए हुए । ये चुनाव‌ इस लिए हुए क्योंकि 16 असेंबली सदस्यों को जो कांग्रेस से ताल्लुक़ रखते थे स्पीकर ने ना अहल(अयोग्य) क़रार दे दिया था । जबकि एक सदस्य‌ ने जगन की ताईद में अस्तीफ़ा पेश कर दिया था ।

अदाकार से सियासतदां बनने वाले चिरंजीवी ने राज्य सभा के लिए चुनाव‌ पर असेंबली की सदसियत‌ से अस्तीफ़ा दे दिया था जबकि नैलोर लोक सभा हलक़ा के कांग्रेस सदस्य‌ ने भी जगन की ताईद में अस्तीफ़ा पेश कर दिया था । इस के इलावा इस‌ माह हुए उपचुनाव‌ में बेशुमार पैसा ख़र्च किया गया। कुल‌ 43 करोड़ रुपयें नक़द ज़बत किए गए और सोने चांदी की चीजें भी ज़बत की गइं। 2009 के आम चुनाव‌ में 38 करोड़ रुपयें ज़बत किए गए ।