नई दिल्ली। डांस बार मामले में एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया है कि वह एक सप्ताह के अंदर बार के लाइसेंस जारी करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि डांस बार में काम करने वाले लोगों की जांच कर उनका सत्यापन किया जाए। कोर्ट ने अश्लीलता को लेकर सरकार द्वारा जताई गई चिंता पर कहा कि वह अश्लीलता रोकने का नियम बनाए, ना कि डांस बार खुलने से रोके।
सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर एक अहम टिप्पणी करते हुए सरकार से कहा, ‘डांस करना एक पेशा है। अगर यह अश्लील है, तो फिर इसकी कानूनी अनुमति खत्म हो जाएगी। सरकार द्वारा लागू किए गए नियम निषेधात्मक नहीं हो सकते हैं।’ अदालत ने सख्ती दिखाते हुए सरकार से ताकीद की कि वह डांस बार को प्रतिबंधित करने की कोशिश ना करे। कोर्ट ने कहा, ‘डांस करके पैसा कमाना महिला का संवैधानिक हक है। डांस से पैसा कमाना, गलत तरीके से पैसा कमाने से बेहतर है। डांस करके पैसा कमाना भीख मांगने से बेहतर है।’
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