बालाघाट कांड: SIT की जाँच से आरएसएस में डर

जबलपुर: बालाघाट कांड में अब पहली बार संघ ने पूछा है कि आरोपी पुलिसकर्मियों की अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है? संघ के इस सवाल को जांच एजेंसी एसआईटी पर दबाव बनाने की कोशिश से जोड़कर देखा जा रहा है. संघ ने मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

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कैच न्यूज़ के अनुसार पहली बार संघ के क्षेत्र संपर्क प्रमुख राजकुमार मटाले और सह प्रांत संघचालक अशोक पांडे सामने आए. इन्होंने भोपाल में प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार से पूछा कि आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई? लेकिन जब पत्रकारों ने संघ से पूछा कि घटना 25 सितंबर की रात की है लेकिन सुरेश यादव को दो दिन बाद जबलपुर के एक निजी नर्सिंग होम में 27 सितंबर को भर्ती कराया जाता है. उन्हें जबलपुर मेडिकल कॉलेज में क्यों नहीं ले जाया गया? एक सवाल यह भी था कि जबलपुर के जिस अस्पताल में सुरेश यादव भर्ती हैं, उसके संचालक संघ से जुड़े हुए हैं. आखिर सुरेश यादव को संघ से जुड़े डॉक्टर के यहां पर ही भर्ती कराने की जरूरत क्यों पड़ी?
उल्लेखनीय है कि एसआईटी अपनी जांच डीआईजी छतरपुर की निगरानी में कर रही है. फिलहाल एजेंसी इस जाँच में जुटी है कि कहीं पुलिसकर्मियों पर संघ के दबाव में फर्ज़ी मुकदमें तो नहीं कर दिए गए हैं. सूत्रों का दावा है कि एसआईटी की जांच में पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों में तथ्य कमजोर नजर आ रहे हैं.
माना जा रहा है कि इसी वजह से संघ ने इतने दिनों बाद सामने आकर प्रेस कांफ्रेंस की है ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके. वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने इस दबाव को नाजायज करार देते हुए घटना का पूरा ब्यौरा नागपुर में सौंप दिया है.