झारखंड: करीब 2 महीने पहले गौ तस्करी का आरोप लगाकर पेड़ से लटककर मार दिए गए २ मुस्लिमों; मजलूम अंसारी(32) और इम्तिआज़ खान(13) को इन्साफ मिलने की उम्मीदें खत्म होती जा रही हैं क्यूंकि इस मामले की जांच में जुटी पुलिस सरकारी दवाब में काम कर रही है और निष्पक्ष जांच करने की जगह आरोपियों की तरफदारी करने में लगी हुई है।
यह कहना है नेशनल कमीशन फॉर माइनॉरिटीज की रिपोर्ट का जिसे मामले की बारीकियों की जांच करने के बाद तैयार किया है एनसीएम के जांच अधिकारीयों ने।
रिपोर्ट के मुताबिक इन हत्याओं का विरोध प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों को भगाने के लिए खुद पुलिसकर्मी पाकिस्तान चले जाओ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे। और तो और शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों को खदेड़ने के लिए भी लाठी का सहारा लिया गया। इलाके के लोगों का कहना है कि जो मुस्लिम लोग पशुओं की खरीद फरोख्त का काम सालों से करते आ रहे हैं उन्हें गोरक्षा समिति के मेंबरों की तरफ से लगातार परेशान किया जा रहा है। उन्हें काम बंद करने के लिए कहा जा रहा है और ऐसा न करने की सिथति में गम्भीर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहने की धमकियाँ दी जा रही हैं।
लोगों का कहना है कि पुलिस इस मामले में उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही बल्कि दोषियों को बचाने में और उनको सही करार देने में लगी हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री बीजेपी नेता रघुबर दस भी इस मामले में आँखे मूंदे बैठे हैं और गौरक्षा समिति वालों के पक्ष की बात करते हैं।