बालू बोहरान के लिए रियासती हुकूमत जिम्मेवार : मोदी

पटना : एसेम्बली कौंसिल में ओपोजिशन पार्टी के लीडर सुशील मोदी ने कहा है कि रियासत में गुजिश्ता डेढ़ माह से बालू बोहरान के लिए पूरी तरह से रियासती हुकूमत जिम्मेवार है. रियासती हुकूमत ने अगस्त, 2014 में एक तरमीम कर किसी किस्म के कान्कुनी के लिए एन्वैरोमेंट क्लियरेंस को लाज़मी कर दिया. खुदाई के लिए रियासती सरकार ने इनवैरोमेंट किल्यारेंस सर्टिफिकेट को लाजिम किया था.

अपने ही बनाये नियम के ओपोजित बालू घाटों की बंदोबस्ती करने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, कोलकाता की तरफ से रोक लगा दी गयी. उन्होंने कहा कि 50 हेक्टेयर तक में खुदाई के लिए बिहार में तशकील कमेटी की तरफ से इजाजत दी जाती है. इससे ज्यादा एरिया में खुदाई के लिए मर्क़ज़ के सतह पर तशकील समिति की तरफ से इजाजत लेना होता है. चूंकि इस समिति में इसके लिए अवामी सुनवाई की जाती है, इसलिए इजाजत मिलने में देरी हेती है.

छह से आठ माह तक का वक़्त लग जाता है. इससे बचने के लिए रियासती हुकूमत 25-25 एकड़ के टूकड़े में बालू खुदाई के लिए इजाजत देना शुरू किया है. सरकार की इस गलती से पूरे बिहार में इसके लिए हाहाकर मचा हुआ है. वहीं सरकार के एक वजीर ने कह दिया कि मर्क़ज़ी हुकूमत के अड़चन की वजह से ही रियासत में बालू बोहरान है. जबकि नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल से कहा है कि आप अपने तरफ से बनाए कानून की तरफ से ही खुदाई नहीं कर सकते हैं.