बासमती चावल में 1000 करोड़ का स्कॅम

नई दिल्ली 29 फ़रवरी: डायरेक्टरेट आफ़ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) हुक्काम ने ईरान को सरबराह किए जानेवाले आला मयार के बासमती चावल की बरअमदात में 1000 करोड़ रुपये के स्कॅम का पता चलाया है। बासमती चावल को गुजरात की बंदरगाह से जहाज़ में लादकर ईरान रवाना किया जाता मगर बीच में दुबई में ही इस चावल को गै़रक़ानूनी तौर पर उतारा जा रहा था।

दो लाख मेट्रिक टन बासमती चावल पिछ्ले एक साल के दौरान गै़रक़ानूनी तौर पर दुबई में उतारा गया जबकि इस चावल को ईरान की बंदरगाह बांद्र अब्बास में उतारा जाना था। हरियाणा और पंजाब से ताल्लुक़ रखने वाले तक़रीबन 25 बड़े एक्सपोर्टर्स उस वक़्त डायरेक्टरेट आफ़ रेवेन्यू इंटेलिजेंस की नज़र में हैं इस मल्टी करोड़ स्कॅम में दुसरे एजेंसीयों के शामिल् होने का शुबा है।

डीआरआई के ओहदेदारों ने बताया कि बासमती चावल को गुजरात के कंडला बंदरगाह ले जाया जाता और यहां से ये बड़े एक्सपोर्टर्स ज़ाबता की तमाम कार्यवाहीयां जैसे शिपिंग बिलों, दस्तावेज़ात वग़ैरा को कस्टम हुक्काम के सामने पेश करते और बरअमदात किए जाने वाली अश्याय की तफ़सीलात बताकर ईरान को बरामद करने वाली अश्याय के लिए ज़िम्मेदार वसूल कनुंदा और रवाना कनुंदा दोनों की तसदीक़ करली जाती। जहाज़ में चावल लोड किए जाने के बाद उसे ईरान के समुंद्र रास्ते रवाना किया जाता मगर बीच में ही जहाज़ का रुख दुबई की तरफ कर दिया जाता। मुबय्यना तौर पर इस स्कॅम में कार्गो शिप आपरेटर्स भी शामिल होते।

हैरत की बात ये है कि दुबई पहूंचने वाले चावल के बिलों की अदायगी ईरान से की जाती और ये रक़म हिन्दुस्तानी बरअमद कुनुन्दगान के खाते में जमा होजाती।इस पूरे धांदली का बंदरगाह पर तायिनात कस्टम ओहदेदारों से लेकर इम्पोर्ट-ओ-एक्सपोर्ट शोबे के ओहदेदारों को इलम होता था।

डीआरआई ने काले धन के केस की तहक़ीक़ात करने के लिए सुप्रीमकोर्ट की तरफ से मुक़र्रर करदा ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम को मतला कर दिया है। बासमती चावल की बड़े पैमाने पर धांदलियों के सिलसिले में डायरेक्टरेट आफ़ रेवेन्यू इंटेलिजेंस एजेंसी ने मुताल्लिक़ा हुक्काम को आगाह कर दिया है। इस कारोबार में शामिल एक्सपोर्टर्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा रही है। गुजरात की बंदरगाह में कस्टम्स ओहदेदारों के ख़िलाफ़ भी तहक़ीक़ात हो रही है।