बाहर के बीजों पर अन्हसार होता झारखंड

रांची 25 अप्रैल : झारखंड दूसरे रियासतों से आनेवाली बीजों पर अन्हसार होता जा रहा है। गुज़िस्ता कुछ सलों में किसानों को बड़ी महज़ में दूसरी रियासतों के बीज दस्तयाब कराये जा रहे हैं। किसानों को सब्सिडी पर बीज मिल रहा है। इस वज़ह से उनका रवायती बीज ख़तम होता जा रहा है।

रियासत की बीज जोन की हालत खराब है। वहां बीज की पैदावार नहीं हो रही है। बीएयू से होनेवाले तहकीक किसान के खेतों तक नहीं पहुंच रहे हैं। रियासती हुकूमत भी किसानों को मुफ्त या सब्सिडी में बीज फराहम कराने पर बहुत बड़ी रक़म खर्च कर रही है।

चार लाख क्विंटल मुनकिस्म हो चुकी है बीज

रियासती हुकूमत गुज़िस्ता सात साल में रियासत में चार लाख क्विंटल से ज़्यादा बीज तक़सीम चुकी है। 2007-08 से अब तक तीन लाख 67 हजार क्विंटल तस्दीक बीज और करीब नौ हजार क्विंटल हाइब्रिड बीज तक़सीम हो चुकी है। बीज किसानों को बीज तबादला स्कीम या 75 फीसद सब्सिडी पर दी गयी है। 2007-08 में 60 हजार क्विंटल बीज किसानों के दरम्यान तक़सीम किया गया था। 2012-13 में यह एक लाख 31 हजार क्विंटल तक पहुंच गयी है।

रवां माली साल में इसे तीन लाख क्विंटल से ऊपर करने का है। हुकूमत धान के साथ-साथ सब्जी और दीगर फसलों के बीज भी किसानों को दे रही है।