इंटरनेशनल क्रिकेट कौंसिल (आई सी सी )के साबिक़ सदर एहसान मानी का कहना है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की वजह से बिग थ्री के मुआमले पर पाकिस्तान तन्हाई का शिकार होगया है।
जुनूबी अफ़्रीक़ा और श्रीलंका ने मुझ से राबिता किया लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने मुझ से राबते की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि ज़का अशरफ़ ने आई सी सी के इजलास में जाने से क़बल मुझ से राबते की कोशिश नहीं की। जुनूबी अफ़्रीक़ा और श्रीलंका ने मुझ से राबिता किया।मैंने दोनों मुल्कों को मश्वरा दिया कि वो पाकिस्तान के साथ मिल कर हिक्मत-ए-अमली बनाएं और आई सी सी को मकतूब लिखें कि आठ फरवरी का इजलास मुल्तवी करदें।
जुनूबी अफ़्रीक़ा और श्रीलंका को मैंने यही मश्वरा दिया कि आपस में बैठ कर हिक्मत-ए-अमली बनाएं और बाहमी मफ़ामत के समझौते पर दस्तख़त किए जाएं ताकि तीनों मुल्क मुशतर्का अंदाज़ में अपने मुआमलात को आगे बढ़ा सकें। एहसान मानी के मुताबिक पाकिस्तान ने पेशा वाराना अंदाज़ में मुआमले को आगे नहीं बढ़ाया जिस की वजह से पाकिस्तान को इजलास में हज़ीमत उठाना पड़ी। जो लोग पाकिस्तान के नुमाइंदों को हीरो क़रार दे रहे हैं उन्हें वक़्त बताएगा कि किस ने हासिल किया और किसे हार हुई।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान ने जिस तरह जुनूबी अफ़्रीक़ा और वेस्ट इंडीज़ को मैच तक़सीम किए इससे बड़ी बदउनवानी कोई और नहीं होसकती। अब पाकिस्तान कुछ हासिल करने की मौक़िफ़ में नहीं है।