बिग बॉस में हिस्सा लेना एक फ़ाश ग़लती थी : रतन राजपूत

टी वी स्टार रतन राजपूत जो रियालिटी शो के शुर्का में वो चौथी शख़्सियत हैं, जिन्हें वहां से हटना पड़ा है। उन्होंने कहा कि 28 रोज़ बाद बिग बॉस हाउस से बाहर निकल कर वो काफ़ी राहत महसूस कररही हैं क्योंकि बिग हाउस में जारी दाख़िली सियासत के माहौल में वहां बने रहना उन केलिए बहुत मुश्किल था।

उन्होंने एतराफ़ किया कि बिग बॉस शो केलिए उन्होंने ख़ुद पर ज़रूरत से ज़्यादा एतिमाद करलिया था लेकिन उन्हें इस शो से एक सबक़ ज़रूर मिला है कि में मस्नूई तर्ज़-ए-ज़िदंगी अपनाने वालों को बर्दाश्त नहीं करसकती और ना ही किसी सियासत में मुलव्वस होसकती हूँ।

बिग बॉस के शुर्का एक मंसूबा बंद तरीक़ा से वहां आते हैं। 14 अजनबी लोगों को एक मकान में ठोस दिया गया। आप ग्रुप बंदी होने की वजह से किसी पर एतिमाद भी नहीं करसकते। इस के इलावा कुछ लोगों को आला मर्तबा का होने का ग़रूर भी था क्योंकि वो फ़िल्मी पस-ए-मंज़र से आए थे (में उन का नाम लेना नहीं चाहती)। बिग बॉस से बाहर आने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी वहां सब यकसाँ थे क्योंकि सब लोग एक ही शो का हिस्सा थे। रतन राजपूत का टी वी शो अगले जन्म मोहे बेटा ही कीजो काफ़ी मशहूर हुआ था।