बिना एनओसी चल रहे अस्पताल बंद करें : हाइकोर्ट

हाइकोर्ट ने बिना एनओसी के चल रहे अस्पतालों व नर्सिग होम को फौरन बंद करने की हिदायत दिया है। झारखंड हाइकोर्ट में पीर को रांची, जमशेदपुर, बोकारो व धनबाद के अस्पतालों व पैथोलैब से निकलनेवाले बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर दायर पीआईएल पर सुनवाई हुई।

चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए अफसरों के काम करने के तरीके पर कड़ी नाराजगी जताते हुए झारखंड रियासत अलूदगी कंट्रोल बोर्ड के मेम्बर सेक्रेटरी को हाजिर होने की हिदायत दिया। अलूदगी बोर्ड को हल्फ खत के जरिये से जवाब दाखिल करने की हिदायत दिया। बेंच ने फटकार लगाते हुए कहा कि रांची समेत रियासत में चल रहे अस्पताल, नर्सिग होम व दीगर मेडिकल अदारों की फेहरिस्त अदालत में पेश करे। इसमें कितने रजिस्टर्ड है, किसने एनओसी लिया है और बिना एनओसी लिये कौन-कौन से अस्पताल चल रहे रहे है।

बिना एनओसी लिये चल रहे अदारों को 24 घंटे के अंदर फौरन बंद कर दिया जाये। इस काम में अगर इंतेजामिया मदद नहीं करता है, तो उसे अदालत को बतायें। अदालत हुक्म देगा। जिन अदारों ने अब तक एनओसी नहीं लिया है उन्हें अब एनओसी नहीं दें। बायो मेडिकल वेस्ट खतरनाक है, उसे जहां-तहां नहीं फेंका जा सकता है। बोर्ड का काम अलूदगी फैलानेवालों के खिलाफ कार्रवाई करना है, न कि अलूदगी को बढ़ावा देना। बोर्ड के अफसरों ने चश्मा उतार कर गोगल्स पहन लिया है।

रांची मुंसिपल कॉर्पोरेशन जेनरल कचरा साफ नहीं कर पाता है, तो मेडिकल वेस्ट के बारे में उससे क्या उम्मीद की जा सकती है। बेंच ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जुलाई की तारीख मुकर्रर की। गौरतलब है कि ख़्वाह झारखंड ह्यूमन राइट्स कांफ्रेंस की तरफ से इस मामले में पीआईएल दायर की गयी है।