बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग के विकास के लिए काम करेंगे- सीएम योगी आदित्यनाथ

शम्स तबरेज़, सियासत न्यूज़ ब्यूरो।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेने के बाद पहली बार बतौर मुख्यमंत्री प्रेस कांफ्रेंस की,
बिना किसी भेदभाव के करेंगे विकास
प्रेस कांफ्रेंस में योगी ने कई मुद्दों पर बातचीत की, लेकिन सबसे चौकाने वाली बात ये रही कि सांसद रहने के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के लिए ज़हरीले और विवादित भाषण के लिए अपनी खास पहचान बना चुके योगी आदित्यनाथ ने सभी वर्गो के लिए बिना किसी भेदभाव के कार्य करने की बात कह कर सबको हैरत में डाल दिया, आज उन्होने अपने प्रेस कांफ्रेंस में साफ कर दिया कि वो समाज के हर वर्ग के लिए बिना किसी भेदभाव के काम करेंगे। पीएम मोदी के सबका साथ और सबका विकास के नारे को आगे ले जाते हुए उन्होने कहा कि वो प्रदेश के विकास के लिए हर संभव कार्य करेंगे।
पिछली सरकार पर साधा निशाना
प्रेस कांफ्रेंस में योगी ने कहा कि 15 वर्षो में प्रदेश विकास की दौड़ में पिछड़ गया है, पिछली सरकारों पर हमला करते हुए उन्होने कहा कि कानून व्यवस्था को ठीक करेंगे और पिछली सरकारों ने सिर्फ ​परिवार का विकास किया है और वो सबका साथ, सबका विकास पर ज़ोर देंगे।
बड़े फेर बदल के संकेत
योगी ने स्पष्ट किया नई सरकार के बनते ही बड़े पैमाने पर इसका असर देखने को मिलेगा। उम्मीद की जा रही है सरकारी महकमें में फेर बदल और तबादले की प्रक्रिया शुरू करने वाले हैं।
कृषि और किसानों के विकास पर ज़ोर
उत्तर प्रदेश के किसानों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए योगी ने कहा कि यूपी में कृषि को अर्थव्यवस्था का आधार बनाया जाएगा और लोगों को यूपी से बाहर जाने से रोकने लिए प्रदेश में कौशल विकास के द्वारा रोजगार सृजन किया जाएगा।
युवाओं को राज़ग़ार
युवाओं के रोज़गार के लिए योगी ने सरकारी नौकरियों के बहाली का भी ज़िक्र किया। योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र लोक कल्याण संकल्प पत्र 2017 का ज़िक्र किया और कहा कि वो बीजेपी के किए गए सारे वादों को पूरा करेगे।
पूर्वांचल और बुंदेलखण्ड का विकास
प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा ​कि पूर्वांचल और बुंदेलखण्ड के विकास के लिए वो विकास बोर्ड बनाएंगे और इन इलाको का सर्वागीण विकास करेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके है और उनके सुर बदल चुके हैं लेकिन उनके कथित कारनामों को देखते हुए राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर मुसलमानों का विश्वास हासिल करने में अभी योगी आदित्यनाथ को काफी प्रयास करना पड़ेगा।