जम्मू कश्मीर, अक्तूबर 04: उमर अब्दुल्लाह पर युसूफ की मौत के मामले में काफी दबाव बना हुआ है
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि वो उन पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.
सत्तारुढ़ नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ता मोहम्मद युसूफ की मौत को लेकर जम्मू कश्मीर विधानसभा में भी सोमवार को बहुत बवाल हुआ है.
इससे जुड़ी और सामग्रियाँनेशनल कांफ्रेस कार्यकर्ता की मौत ने तूल पकड़ाकुपवाड़ा में मुठभेड़ जारीक़ब्रों के मुद्दे पर पीडीपी ने किया वॉकआउट
विधानसभा में विपक्षी दल युसूफ की मौत के मामले पर बहस करना चाहती थी लेकिन सत्ता पक्ष इसके लिए तैयार नहीं था. हो हल्ले के बीच विधानसभा स्पीकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और पीडीपी के एक विधायक ने पंखा उठाकर हमला करने की कोशिश की.
इसके बाद विधानसभा स्थगित हो गई और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बयान दिया.
अब्दुल्ला का कहना था, ‘‘ मेरी चुप्पी को मेरे ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जा रहा है. मुझ पर और मेरे पिता पर मोहम्मद युसूफ की हत्या आरोप लगाए गए हैं जो बिल्कुल बेबुनियाद हैं.’’
उमर अब्दुल्लाह”अगर किसी के भी पास मोहम्मद सैयद यूसुफ़ के साथ मेरे घर में हाथापाई या मारपीट का कोई सबूत नहीं हैं या उनके क़त्ल में मेरे शामिल होने का सबूत नहीं है तो मुझ पर ऐसे आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए”
उनका कहना था, ‘‘ लोगों को ये समझना चाहिए कि मैंने अपनी ही पार्टी के सहयोगियों के ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिए हैं और उसे पुलिस के हवाले किया. मैंने इस बात की जांच में कोई कोताही नहीं की कि हमारी पार्टी का कार्यकर्ता कैसे मरा है.’’
उन्होंने कहा, “अगर किसी के भी पास मोहम्मद सैयद यूसुफ़ के साथ मेरे घर में हाथापाई या मारपीट का कोई सबूत नहीं हैं या उनके क़त्ल में मेरे शामिल होने का सबूत नहीं है तो मुझ पर ऐसे आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए.”
उमर अब्दुल्लाह ने हत्या के आरोपों को लेकर कहा कि वो इस मामले में मानहानि का दावा करेंगे. उनका कहना था, ‘‘मेरे वकील इन आरोपों पर विचार कर रहे हैं और नोटिस के ज़रिए क़ानूनी कार्रवाई करेंगे.’’
इसके जवाब में पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती का कहना था, ‘‘ पीडीपी उमर को निशाना नहीं बना रही है. उमर मानहानि का दावा करने के लिए स्वतंत्र हैं.’’
उधर विधानसभा में हंगामे के दौरान अभद्र भाषा के लिए स्पीकर ने बाद में माफी मांग ली है.
कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस कार्यकर्ता की मौत बड़ा मुद्दा बन चुकी है.
राज्य सरकार ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं लेकिन विपक्ष इस मामले में मुख्यमंत्री को ही कठघरे में खड़ा कर रहा है.
कहा जाता है कि युसूफ ने नेशनल कांफ्रेंस के ही दो नेताओं मोहम्मद यूसुफ भट और अब्दुल सलाम रिशी से लाखों रुपए लिए थे और उन्हें मंत्री बनवाने का वादा किया था.
विपक्ष का आरोप है कि युसूफ इसी संबंध में मुख्यमंत्री से बात करने के लिए आया था जब उसे मुख्यमंत्री ने क्राइम ब्रांच को सौंप दिया.
क्राइम ब्रांच को सौंपे जाने के अगले दिन युसूफ की अस्पताल में मौत हो गई.
क्राइम ब्रांच के अनुसार युसूफ ने सीने में परेशानी की शिकायत की थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.