बिन लादेन की बेवाओं व दुख्तरान् को 45 दिन कैद

अलक़ायदा के महलूक सरबराह ओसामा बिन लादेन की तीन बेवाओं और दो दुख्तरान को पाकिस्तान की एक अदालत की जानिब से मुल्क में गैरकानूनी दाख़िला और कयाम की पादाश में 45 दिन कैद की सज़ा और फी कस 10,000 रुपय जुर्माना की सज़ा सुनाई है । इस के इलावा अदालत ने सज़ा की तकमील के बाद उन्हें उनके मुताल्लिक़ा ममालिक को रवाना कर देने की हिदायत भी दी है ।

इन ख्वातीन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा की समाअत एक मकान में हुई जहां बिन लादेन के अफ़राद ख़ानदान फ़िलहाल महरूस रखे गए हैं। इंतिज़ामीया की जानिब से इस मकान को अब जेल क़रार दिया जा चुका है । बिन लादन की तीन बेवाओं और दो दुख्तरान को 45 दिन की कैद की सज़ा के इलावा सियोल जज मिस्टर शाहरुख अर्जुमंद ने उन्हें फी कस 10 हज़ार रुपय जुर्माना अदा करने का भी हुक्म दिया है ।

इन ख्वातीन की अदालत में पैरवी करने वाले वकील सफ़ाई ने ये बात बताई । वकील मौसूफ़ ने कहा कि ये जुर्माने पहले ही अदा कर दिए गए हैं। जज मौसूफ़ ने हुक्काम को मज़ीद हिदायत दी है कि वो इन ख़वातीन को उन की सज़ा की तकमील के बाद उनके वतन रवाना करने के ताल्लुक़ से भी इक़दामात करें।

वफ़ाक़ी तहक़ीक़ाती एजेंसी ने बिन लादेन की तीन बेवाओं के ख़िलाफ़ ये अर्ज़ी दायर की थी । इनमें दो सऊदी और एक यमनी शहरियत रखती हैं। ये अर्ज़ी गुज़श्ता महीने फ़ारनर्स एक्ट और पाकिस्तानी ताज़ीरी क़वानीन के तहत दायर की गई थी । पाकिस्तानी क़वानीन के मुताबिक़ मुल्क में गैरकानूनी दाख़िला और क़ियाम पर पाँच साल कैद तक की सज़ा हो सकती है । बिन लादेन के अफ़राद ख़ानदान को सीक्योरीटी एजेंसियों ने अमेरीकी ख़ुसूसी फोर्सेस की कार्रवाई में बिन लादेन को हलाक करने के बाद एबटाबाद से गिरफ़्तार कर लिया था ।

उन की यमनी बेवा अमल अबदुल फ़तह ने पाकिस्तानी तहक़ीक़ कारों से बताया था कि अलक़ायदा सरबराह 2002 से पाकिस्तान में मुक़ीम थे । वो मुख़्तलिफ़ हिस्सों में फिरते रहे और एबटाबाद में बिलआख़िर मुक़ीम हो गए थे । कहा गया कि नौ साल के अर्सा में वो पाँच महफ़ूज़ मुक़ामात को मुंतक़िल होते रहे । कहा गया है कि बिन लादेन को पाकिस्तान में अपने क़ियाम के दौरान चार बच्चे तव्वुलुद हुए थे ।

कहा गया है कि इनके दो बच्चों की पैदाइश एक सरकारी दवाख़ाना में हुए थी जो ईस्लामाबाद के करीब है । कयास किया जा रहा है कि पाकिस्तानी हुक्काम ओसामा के अफ़राद ख़ानदान को मज़ीद सख़्त सज़ाएं दिलाने की कोशिश करेंगे ताकि उनके पाकिस्तान में क़ियाम का दौरानिया ज़्यादा से ज़्यादा हो जाए ।कहा गया है कि ये कोशिश इसलिए की जाएगी की उनका इन हुक्काम को ये अंदेशा भी लाहक़ है कि ये अफ़राद ख़ानदान पाकिस्तान से रवानगी के बाद दुनिया भर के सामने ये वाज़िह कर सकते हैं कि ओसामा कितनी सहूलतों के साथ पाकिस्तान में मुक़ीम थे ।

कहा गया है कि अब इन अफ़राद ख़ानदान की अमला सज़ा सिर्फ 14 दिन बाक़ी रह गई है क्योंकि वो सज़ा सुनाए जाने से पहले से ही कैद में थे । 14 दिन की मज़ीद कैद के बाद उन्हें मुल्क बदर किया जा सकता है।