बिल्डर को आदिवासी की जमीन वापस करने की हिदायत

बरियातू रोड वाकेय एक आदिवासी जमीन पर बिल्डर की तरफ से जिस बिल्डिंग का तामीर कराया गया है, उस जमीन को वापस आदिवासी को सौंपने की हिदायत जुनूबी प्रमंडल के कमीशन की अदालत ने दिया है। इससे मुतल्लिक़ हुक्म मंगल को जारी किया गया।

कबीले ज़िक्र है कि एसएआर अदालत ने आदिवासी जमीन को दूसरे के नाम पर ट्रांसफर किया था, जिस पर एक बिल्डर ने करोड़ों रुपये की लागत से बिल्डिंग इमारत की तामीर कराया है। एसएआर अदालत के इस फैसले के खिलाफ जमीन मालिक ने जुनूबी छोटानागपुर डिवीज़नल कमीशन से शिकायत की थी, जिसमें फैसला आदिवासी के हक़ में आया है।

मालूम हो कि एसएआर (शिडय़ूल एरिया रेगुलेटरी) अदालत ने शहर में आदिवासी जमीन का गैर कानून ट्रांसफर कराया है। इस बात का खुलासा तब हुआ था, जब साबिक़ में जुनूबी छोटानागपुर डिवीजन की कमिश्नर वंदना दादेल ने भू-राजस्व महकमा के सेक्रेटरी को इस मुतल्लिक़ में तौसिह रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें ज़िक्र था कि एसएआर अदालत की मिलीभगत से रांची में धड़ल्ले से आदिवासी ज़मीन का गैर कानूनी ट्रांसफर किया गया है।
शुरुवाती जांच में यह भी बात सामने आयी थी कि जिन मामलों में एसएआर अदालत ने जमीन ट्रांसफर की इजाजत दी है, तकरीबन तमाम में प्लॉटिंग या नया तामीर चल रहा है।

कई मामलों में जेरे तामीर हैं, तो कई जगहों पर ज़मीन का ज़्यादातर हिस्सा खाली है। इसी रिपोर्ट के बुनियाद पर हुकूमत ने मामले की तहक़ीक़ात की हिदायत निगरानी को दिया था। इसकी मौजूदा में जांच चल रही है। जिस जमीन को आदिवासी को वापस करने की हिदायत दिया है। उस जमीन की ट्रांसफर से मुतल्लिक़ मामले की भी मौजूदा में निगरानी जांच चल रही है।